आविष्कार और अनुसंधान से ही विकास का रास्ता
रांची : विकास का रास्ता आविष्कार से होकर ही गुजरता है। इसके लिए जरूरी होता है अनुसंधान। हमें नए विचा
रांची : विकास का रास्ता आविष्कार से होकर ही गुजरता है। इसके लिए जरूरी होता है अनुसंधान। हमें नए विचारों को आगे लाना होगा। कार्यो को आसान करना होगा। ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने होंगे। देश और राज्य का विकास तभी हो सकता है। डिजिटल से लेकर औद्योगिक क्षेत्र में हमें अब नए सोच की जरूरत है। इसके लिए नई पीढ़ी को आगे लाना होगा। साथ में उनके सोच को भी विकसित करना होगा।
एसोचैम की ओर होटल बीएनआर चाणक्या में इनोवेशन इन इंडिया अपॉरच्युनिटी एंड चैलेंज विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के तौर पर राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू मौजूद थीं। कहा, आविष्कार और अनुसंधान से ही किसी भी देश का विकास संभव है। अर्थव्यवस्था का आधार भी यही होता है। झारखंड में इसकी जरूरत और भी है। यह प्रदेश खनिज संपदा और संसाधनों के लिए जाना जाता है अगर इसका सही ढंग से इस्तेमाल किया जाए तो बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। सरकारी विभागों और देश के लोगों को एकीकृत करने के लिए केंद्र सरकार ने इस सप्ताह अच्छी पहल की है। भारत एक डिजिटल देश के रूप में सामने आया है। कार्य आसान होंगे। चुनौतियां कम होंगी। पारदर्शिता आएगी।
मौके पर उन्होंने एसोचैम की पत्रिका नॉलेज रिपोर्ट का भी विमोचन किया। राज्यपाल ने कहा, झारखंड मुख्य रूप से एक ग्रामीण राज्य है। सरकार यहा के लोगों को आजीविका प्रदान करने के लिए प्रयास कर रही है। जरूरत है हमें नई उर्जा और नई सोच की। एचईसी, मेकॉन, बोकारो स्टील, टाटा स्टील और सीसीएल की तरह उद्योगों और कंपनियों ने झारखंड के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
प्रमुख वक्ता के तौर पर मानव संसाधन विभाग की सचिव अराधना पटनायक मौजूद थीं। कहा, समाज में तेजी से बदलाव देखने को मिला है। अब हमें अनुभवी लोगों को जरूरत है। छिपी प्रतिभाओं को सामने लाना भी एक इनोवेशन है। देखा जाए तो शहरी के बजाए ग्रामीण भारत में अधिक प्रतिभा है। राज्य में ऐसी शिक्षा प्रणाली की जरूरत है जो वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी और उद्यमशीलता को एक साथ एक मंच पर लाए।
हैक्साजन एनालिसिस एंड कंसल्टिंग सर्विसेस के मैनेजिंग पार्टनर बाबा ग्रोवर, बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वाइस चासलर डॉ जार्ज जॉन ने इनोवेशन की अलग-अलग भूमिकाओं के बारे में बताया। साथ ही उससे जिंदगी पर पड़ने वाले असर के बारे में भी चर्चा की।
तकनीकि सत्र में आईएफआई यूनिवर्सिटी के वाइस चासलर ओआरएस राव, जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड के रवि रेमी, सेंट्रल टसर रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट के वैज्ञानिक डॉ वीपी गुप्ता और निफ्ट के डायरेक्टर पीपी चट्टोपाध्याय ने सोशल इनोवेशन प्लेइंग इपाटर्ेंट रोल इन हुमन लाइफ विषय पर अपने विचार रखे। समापन सत्र में डी भाद्रे, चिरंजीव बनर्जी, एमके गुप्ता, एके बनर्जी और चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह ने इनोवेशन पर चर्चा की।