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बीज का बकाया, करेगा कई का सफाया

श्याम किशोर चौबे, रांची : किसानों को साधन-सुविधा उपलब्ध कराने के नाम पर घपले-घोटालों के लिए कुख्यात

By Edited By: Published: Sat, 30 May 2015 01:20 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2015 01:20 AM (IST)
बीज का बकाया, करेगा कई का सफाया

श्याम किशोर चौबे, रांची : किसानों को साधन-सुविधा उपलब्ध कराने के नाम पर घपले-घोटालों के लिए कुख्यात कृषि महकमे में इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है। पूर्व के वर्षो में किसानों को अपेक्षाकृत कम कीमत पर उत्तम बीज उपलब्ध कराने के नाम पर विभिन्न कंपनियों से की गई खरीद का चला आ रहा बकाया नया सिरदर्द है। यह रकम तकरीबन चौदह करोड़ रुपए है। इस बकाए के सिलसिले में पूरी प्रक्रिया की फाइल खंगालने का आदेश जारी हुआ है। इसमें कई लोगों के फंसने की आशंका है। पांच महीने पहले राज्य में नई सरकार बनने के बाद इस बकाए के भुगतान का आदेश मांगा जाना उल्टा पड़ गया है। कृषि मंत्री रणधीर कुमार सिंह ने पूरा ब्यौरा तलब कर दिया है।

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कृषि मंत्री द्वारा उठाए गए सवालों का निहितार्थ बताता है कि बीज खरीद मद में बकाया रखने के पीछे गलत मंशा काम कर रही थी। इस मद में राशि उपलब्ध रहते हुए भुगतान नहीं किया गया था। सूत्र यह भी बताते हैं कि साल-दर-साल बीज मद में बजटीय उपबंध और खजाने में पर्याप्त राशि रहने के बावजूद आपूर्तिकर्ताओं का जानबूझकर बकाया रखा गया। कहा तो यहां तक जा रहा है कि कृषि महकमे में बीज की खरीद कर उसका कुछ अंश जानबूझकर सड़ा देने की परिपाटी बन गई थी। इसी के नाम पर बड़ी मात्रा में बीज को सड़ा हुआ घोषित कर खुले बाजार में खपा दिया जाता था ताकि अपनी जेब भर जाए।

बहरहाल, कृषि मंत्री ने अबतक वर्षवार खरीदे गए बीज की मात्रा, उसमें से किसानों को हुई आपूर्ति, इस मद में वर्षवार उपलब्ध बजट, स्वीकृत्यादेश और आवंटन के सापेक्ष हुए व्यय तथा सरेंडर राशि का ब्यौरा मांगा है। उन्होंने सचिव से यह कहते हुए पूरा ब्यौरा मांगा है कि बीज मद में राशि रहते हुए भुगतान न होना गंभीर मसला है। ऐसा किस कारण हुआ, इसकी जांच करते हुए दोषी लोगों को चिह्नित करने और साथ ही साथ उनके विरुद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव भी उन्होंने मांगा है।

उल्लेखनीय है कि कृषि उपकरणों, बीज और अन्य मदों में घपले-घोटाले के सिलसिले में अबतक तीन कृषि मंत्री फंस चुके हैं, जिनमें से दो सत्यानंद भोक्ता और नलिन सोरेन फिलहाल जमानत पर हैं। तकरीबन साठ करोड़ के बीज घोटाले का खुलासा हुआ है। इस संबंध में एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में विचाराधीन है। यहां तक कि निगरानी ब्यूरो के एक पदाधिकारी ने यह कहते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी कि वरीय पदाधिकारी कुछ लोगों को बचाने के लिए उस पर दबाव बनाए हुए थे।

इस वर्ष समय पर बीज आवंटन

रांची : किसानों को समय पर बीज न मिलने के लिए बदनाम झारखंड की कहानी पलटने की नीयत जाहिर करते हुए कृषि मंत्री रणधीर कुमार सिंह ने संबंधित अधिकारियों को आगाह किया है कि किसी भी शिकायत पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। मानसून आने के पहले ही बीज की उपलब्धता शुरू कर दी गई है। इसका ससमय वितरण सुनिश्चित किया जाएगा। राज्य के बीज ग्रामों को प्राथमिकता दी जाएगी। संबंधित योजनाओं को गति देने की नीयत से उन्होंने आगामी चार जून को कृषि और पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। अधिकारियों को योजनावार बजटीय प्रावधानों और उन पर की गई कार्रवाई का ब्यौरा साथ लाने का निर्देश है।


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