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अब नए सिरे से बिजली फ्रेंचाइजी

प्रदीप सिंह, रांची : बड़े घाटे में चल रहे बिजली महकमे को नए सिरे से खड़ा करने की कवायद राज्य सरकार कर

By Edited By: Published: Mon, 27 Apr 2015 01:40 AM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2015 01:40 AM (IST)
अब नए सिरे से बिजली फ्रेंचाइजी

प्रदीप सिंह, रांची : बड़े घाटे में चल रहे बिजली महकमे को नए सिरे से खड़ा करने की कवायद राज्य सरकार कर रही है। इसके लिए सभी छह एरिया बोर्ड में वितरण फ्रेंचाइजी नियुक्त किए जाएंगे। मुख्यमंत्री रघुवर दास के इस आशय के आदेश के बाद ऊर्जा विभाग और ऊर्जा विकास निगम सक्रिय हो गया है। जल्द ही इससे संबंधित प्रस्ताव मुख्यमंत्री सचिवालय को भेजा जाएगा। प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद फ्रेंचाइजी सौंपने की प्रक्रिया विधिवत शुरू की जाएगी। इस कवायद में पूर्व में किए गए करार रद कर दिए जाएंगे। फिलहाल ऊर्जा निगम का संचरण-वितरण घाटा हर माह लगभग 200 करोड़ रुपये है। इसे पाटने के लिए राज्य सरकार को रिसोर्स गैप के मद में बड़ी राशि देनी पड़ती है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस घाटे को पाटने का निर्देश भी अफसरों को दिया है। नजर बड़े पैमाने पर होने वाली बिजली की चोरी पर है, जो चंद अधिकारियों की मिलीभगत से चलती है।

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बड़ा घाटा उठाना पड़ेगा आरपीडीसीएल को

रांची के बिजली फ्रेंचाइजी को रद करने का खामियाजा कोलकाता इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी की रांची पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (आरपीडीसीएल) को उठाना पड़ेगा। कंपनी ने फिलहाल कामकाज को हाथ में लेने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखा है। कामकाज के लिए आधारभूत संरचना तैयार करने में कंपनी ने करोड़ों रुपये खर्च कर दिए हैं। फ्रेंचाइजी रद होने की स्थिति में कंपनी अदालत का सहारा ले सकती है। आरपीडीसीएल ने हाल ही में अपनी तैयारियों से संबंधित पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन अधिकारियों के समक्ष दिया था। कोलकाता इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी के पास कोलकाता महानगर में वितरण का काम लंबे अरसे से कर रही है।

रद होगी पूर्व की फ्रेंचाइजी

नए सिरे से फ्रेंचाइजी की प्रक्रिया आरंभ होने के पहले रांची और जमशेदपुर की बिजली फ्रेंचाइजी रद की जाएगी। दिसंबर 2012 में तत्कालीन अर्जुन मुंडा सरकार ने इन दो महत्वपूर्ण शहरों के वितरण की फ्रेंचाइजी को एमओयू पर हस्ताक्षर किया था। इसके तहत रांची में कोलकाता इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी और जमशेदपुर में टाटा पावर को वितरण फ्रेंचाइजी दी गई थी। दोनों शहरों की फ्रेंचाइजी को लेकर बड़े पैमाने पर अनियमितता की शिकायत मिली थी। ऊर्जा विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव बीके त्रिपाठी ने इस अनियमितता के लिए कई अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ निगरानी और सीबीआइ जांच तक की वकालत की थी। प्रधान महालेखाकार ने भी फ्रेंचाइजी की कई बिंदुओं पर आपत्ति जताते हुए जवाब तलब किया था।

एरिया बोर्ड और दायरा

रांची - रांची, खूंटी, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा

हजारीबाग- हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, गिरिडीह, चतरा

धनबाद - धनबाद, बोकारो

जमशेदपुर-पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां

दुमका - दुमका, जामताड़ा, देवघर, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़

मेदिनीनगर- लातेहार, गढ़वा, पलामू

बोर्ड की प्रोसिडिंग सामने आने के बाद सबकुछ स्वत: स्पष्ट हो जाएगा। फिलहाल इससे ज्यादा कुछ बताने की स्थिति में नहीं हूं।

एसकेजी रहाटे,

प्रधान सचिव, ऊर्जा विभाग सह सीएमडी, ऊर्जा विकास निगम।


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