छह माह में करें 40 हजार शिक्षकों की बहाली
रांची : राज्य में शिक्षकों के चालीस हजार से अधिक रिक्तपदों को छह माह में भरने का निर्देश हाईकोर्ट न
रांची : राज्य में शिक्षकों के चालीस हजार से अधिक रिक्तपदों को छह माह में भरने का निर्देश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिया है। अदालत ने राज्य में शिक्षकों के इतने पद खाली होने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि गरीबों के बच्चे बगैर शिक्षकों के ही सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हैं।
मुख्य न्यायाधीश वीरेंदर सिंह और न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मंगलवार को शिक्षा का अधिकार कानून के अनुसार प्रति तीस छात्रों पर एक शिक्षक की नियुक्ति की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह काफी गंभीर मामला है। राज्य सरकार इसे हल्के में ले रही है। अदालत ने मामले को मजाक में नहीं लेने और किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं करने की नसीहत दी। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को पूरे मामले में हलफनामा देने को कहा है। अदालत ने यह भी बताने को कहा कि नये सत्र के पूर्व बच्चों को किताबें मिली कि नहीं बताएं। हर हाल में पंद्रह अप्रैल तक सभी बच्चों को किताबें मिलनी चाहिए। बगैर किसी अधिकारी के हस्ताक्षर का रिपोर्ट देखकर अदालत ने नाराजगी जाहिर की और पूरे मामले में रिपोर्ट दायर करने को कहा।
अदालत ने कहा कि हर हाल में राज्य के बेरोजगारों को नौकरी दें। राज्य में ऐसे हालात बनाएं कि राज्य का एक भी बेरोजगार युवक नौकरी की तलाश में बाहर न जाए। पूरे मामले की मॉनिट¨रग हाईकोर्ट स्वयं करेगा और सरकार से यह सुनिश्चित कराएगा कि छह माह में सभी रिक्त पद भरे जाएं। इतनी बड़ी मात्रा में शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं और सरकार का पिछले दो साल से एक ही जवाब है कि नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। आखिर कब तक चलेगी नियुक्ति प्रक्रिया। अब तक कितने शिक्षकों की बहाली हुई। प्राथमिक, मध्य, उच्च और प्लस टू स्कूलों में बड़ी मात्रा में शिक्षकों के पद रिक्त हैं और सरकार को इसकी चिंता नहीं लगती है। यह लाखों बच्चों से जुड़ा मामला है।
विदित हो कि डॉ. भीम प्रभाकर और सुशील कुमार तिवारी की ओर से जनहित याचिका दायर कर सभी रिक्त पदों को भरने की मांग की गई है। मामले की अगली सुनवाई बीस अप्रैल को होगी।