जेलों में जाने चाहिए विशेषज्ञ डॉक्टर : हाईकोर्ट
रांची : राज्य में जेलों की स्थिति में सुधार की मांग को लेकर दायर तीन विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते
रांची : राज्य में जेलों की स्थिति में सुधार की मांग को लेकर दायर तीन विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश वीरेंदर सिंह और न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सभी जेलों में नियमित रूप से विशेषज्ञ डॉक्टर जाएं। वैसे जेलों में जहां महिला कैदी हों वहां समय-समय पर महिला डॉक्टरों को भेजा जाना चाहिए, यदि महिला कैदी के साथ बच्चा भी है तो बच्चों के डॉक्टर भी जेल में जाने चाहिए। अदालत ने इसके साथ मानसिक रोग से ग्रस्त कैदियों के लिए मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टरों को भी जेलों में भेजे जाने को कहा है। अदालत ने इसके साथ ही मुफ्त दवाएं तथा सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा है।
अदालत ने सरकार को यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि जेलों के सभी रिक्त पदों को भरने की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएं।
अदालत ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि यदि किसी बच्चे का जन्म जेल में होता है तो कभी भी गलती से भी उसके जन्म प्रमाण पत्र में जन्म स्थान के रूप में जेल नहीं लिखा जाना चाहिए।
विदित हो कि इसी तरह के आंध्र प्रदेश के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जेलों में सुधार के संबंध में कई दिशा निर्देश जारी किए हैं। अदालत ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और निर्देशों का हर हाल में पालन किया जाना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वे स्वयं सभी जेलों में जाकर वहां की व्यवस्था देखेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सभी जेलों में विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदियों को उनके अधिकारों से उन्हें झालसा के माध्यम से अवगत कराया जाएगा। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से समय की मांग की गई। अदालत ने दो हफ्ते का समय देते हुए विस्तृत रिपोर्ट दायर करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी।