पहली अप्रैल से नहीं होगा रेडी-टू-ईट का उठाव
-आंगनबाड़ी सेविकाओं ने किया प्रदर्शन, दी चेतावनी -11 सूत्री मांगों के समर्थन में गोलबंद हुई सेविकाए
-आंगनबाड़ी सेविकाओं ने किया प्रदर्शन, दी चेतावनी
-11 सूत्री मांगों के समर्थन में गोलबंद हुई सेविकाएं
राज्य ब्यूरो, रांची : रेडी-टू-इट योजना को अलाभकारी बताते हुए आंगनबाड़ी सेविकाओं ने पहली अप्रैल से इसका उठाव नहीं करने की चेतावनी दी है। 11 सूत्री मांगों के समर्थन में झारखंड राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले शुक्रवार को बिरसा चौक पर प्रदर्शन कर रही सेविकाओं और सहायिकाओं ने यह ऐलान किया। कहा कि एक तो बच्चे 'रेडी-टू-इट' को पसंद नहीं करते, दूसरा परियोजना भंडार से इसका उठाव करने में सेविकाओं को 500 से 1000 रुपये तक का खर्च अलग से वहन करना पड़ रहा है।
प्रदर्शन के माध्यम से सेविकाओं ने 'रेडी-टू-इट' की आपूर्ति या तो आंगनबाड़ी केंद्रों तक करने अथवा पूर्व की तरह पोषाहार मद में राशि निर्गत करने की मांग दोहराई है।
प्रदर्शन से पूर्व सेविकाएं जुलूस की शक्ल में बिरसा चौक पहुंची, जहां पूर्व से ही मुस्तैद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। बाद में सेविकाएं वहीं धरने पर बैठ गई। धरना को संबोधित करते हुए मोर्चा की अध्यक्ष देवंती देवी तथा प्रदेश महासचिव सुंदरी तिर्की ने कहा कि सेविकाओं का मानदेय अन्य राज्यों की तुलना में कम है। आंदोलन को शांत कराने के क्रम में सरकार बार-बार मानदेय बढ़ाने का झूठा आश्वासन देती है तो परंतु प्रदर्शन के बाद बात आई-गई हो जाती है।
मोर्चा की अन्य मांगों में सेविकाओं और सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी घोषित करना, मानदेय के रूप में सेविकाओं को 20 हजार और सहायिकाओं को 10 हजार रुपये प्रति माह देना शामिल है। मोर्चा ने इसके अलावा सेवा निवृत्ति की आयु 65 वर्ष करने, उन्हें ईपीएफ योजना से जोड़ने, पांच लाख रुपये का बीमा कराने, मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं को भी वृहद आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं के समतुल्य मानदेय देने की मांग दोहराई है।