नौ महीने में नौ कोस भी नहीं चला मनरेगा
रांची : चालू वित्तीय वर्ष के नौ महीने में मनरेगा नौ कोस भी नहीं चल सका। साल में कम से कम 100 दिनों क
रांची : चालू वित्तीय वर्ष के नौ महीने में मनरेगा नौ कोस भी नहीं चल सका। साल में कम से कम 100 दिनों के रोजगार की गारंटी देने वाले इस कानून का लाभ निबंधित जॉबकार्डधारियों में से एक फीसद को भी नहीं मिल सका है। 2008-09 में जहां 50 से 55 फीसद ग्रामीण रोजगार की मांग किया करते थे, अब उनकी संख्या 25-30 फीसद पर खिसक आई है। झारखंड में मनरेगा की बदहाली की यह दास्तान है।
राज्य में मनरेगा के तहत 37 लाख 72, 486 जॉबकार्डधारी हैं। इनमें से 27 फीसद जॉबकार्डधारियों ने रोजगार की मांग की, जिनमें से लगभग 22 फीसद को ही सरकार काम मुहैया करा सकी। इनमें से 34 हजार 195 जॉबकार्डधारियों को ही सौ दिनों का काम मिला। सर्वाधिक 5,399 जॉबकार्डधारियों को चतरा में सौ दिनों का काम मिला। इस अवधि में 71 जॉबकार्डधारियों को रोजगार मुहैया कराकर 100 दिनी काम मुहैया कराने में गुमला सबसे पीछे रहा।