झारखंड में तृणमूल का खेल खत्म, बंधु का इस्तीफा
रांची : लोकसभा चुनाव के समय तृणमूल कांग्रेस को झारखंड में जितने ही जोश-खरोश से लांच किया गया था, विध
रांची : लोकसभा चुनाव के समय तृणमूल कांग्रेस को झारखंड में जितने ही जोश-खरोश से लांच किया गया था, विधानसभा चुनाव में वह देखते ही देखते फुस्स हो गई। इसकी अंतिम परिणति शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष बंधु तिर्की के इस्तीफे के रूप में सामने आई। अब झारखंड में टीएमसी नेता विहीन हो गई है। चुनाव में खुद की हार के लिए बंधु ने कहा कि टीएमसी के चुनाव चिह्न जोड़ा फूल ने लुटिया डुबो दी। वोटरों को भ्रम हुआ, जिसका तत्काल फायदा कमल फूल वाली भाजपा को मिल गया। उन्हें तो लोकसभा चुनाव के बाद ही टीएमसी से नाता तोड़ लेना चाहिए था, लेकिन समझ नहीं सके। अब वे अपनी पार्टी झारखंड जनाधिकार मंच को पुनर्जीवित कर आगे की राजनीति करेंगे। स्थानीयता और आदिवासी हित के लिए काम करेंगे।
भाजपा पर वार, सीएनटी का जगाया भूत
रांची : सीएनटी और एसपीटी एक्ट बनाए रखने और झुग्गी झोपड़ी को नियमित करने संबंधी भाजपा के बयान पर बंधु तिर्की ने कहा कि भाजपा अपना हित साधने में जुट गई है। वह शहर के 30 किमी क्षेत्र को सीएनटी फ्री करने की जुगत में लग गई है। वहीं झुग्गी-झोपड़ी को नियमित कर वह झारखंड के बाहरी लोगों को अपने वोट बैंक के रूप में परिवर्तित करना चाहती है। इसका वे विरोध करेंगे।