एक माह में सुधर जाएं, नहीं तो सुधार दूंगा
रांची : राज्य के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह के तल्ख तेवर का साक्षी बने निगम के जनप्रतिनिधि, कर्मचारी
रांची : राज्य के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह के तल्ख तेवर का साक्षी बने निगम के जनप्रतिनिधि, कर्मचारी व पदाधिकारी। रांची नगर निगम कर्मचारी संघ की ओर से शनिवार को निगम सभागार में आयोजित स्वागत समारोह में सीपी सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा, यह बात कान में नहीं आनी चाहिए कि मृत्यु व जन्म प्रमाणपत्र सहित अन्य काम के लिए लोग दौड़ रहे हैं और उनसे रुपये की मांग की जा रही है। इन हरकतों से बाज आने के लिए एक माह का समय देता हूं। सुधर जाएं, अन्यथा सुधार दूंगा।
मंत्री के भाषण पर खूब तालियां बजीं। समारोह में महापौर आशा लकड़ा, उपमहापौर संजीव विजयवर्गीय व सीईओ मनोज कुमार ने भी संबोधित किया। मंच संचालन नरेश राम व धन्यवाद ज्ञापन कार्यालय अधीक्षक नरेश सिन्हा ने किया। मंच पर अपर नगर आयुक्त ओमप्रकाश साह, मुख्य अभियंता सुरेश पासवान सहित अन्य थे।
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संकल्प लेना होगा
मंत्री ने निगम परिवार से कहा कि यह संकल्प लेना होगा कि अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ईमानदारीपूर्वककरेंगे। सरकार का नमक खाते हैं, तो नमक हलाल बनना चाहिए, नमक हराम नहीं। चेतावनी भरे लहजे में कहा, अब तक क्या हुआ, इसका हिसाब नहीं लूंगा, लेकिन आगे जो कुछ भी होगा, हिसाब लूंगा। अब काम करना पड़ेगा। रांची का स्वरूप बदलना है। इसमें चुनौतियां हैं। इसे स्वीकार करना होगा।
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मजदूरों की पीड़ा
मंत्री ने कहा, सफाई मजदूरों के प्रतिनिधि मिले। उन्हें सप्ताह में 1008 रुपये के हिसाब से महीने में 4032 रुपये मजदूरी के रूप में मिलते हैं। वह भी समय पर नहीं। सफाई मजदूर नाली व रोड साफ करेंगे व कचरा उठाएंगे। लेकिन, उन्हें समय पर वेतन नहीं मिलेगा, ऐसे में वे खाऐगा क्या। पहले नीचे के कर्मचारियों के लिए व्यवस्था होनी चाहिए। अब नजारा बदलना चाहिए। उन्होंने कहा, क्षेत्र जाता हूं तो कोई बोलता है विधायक जी देख रहे हैं नालियां..। मेयर, डिप्टीमेयर व पार्षद भी इस चुनौती से जूझ रहे हैं।
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सूरत नगर निगम
सूरत गए। वहां बहुत बड़ा फ्लाईओवर बना है। स्थानीय लोगों ने बताया सूरत नगर निगम ने बनाया है। विश्वास नहीं हुआ। नगर निगम को नली-गली, सड़क बनाते हुए सुना था, वह भी तीन महीने से अधिक समय में। सूरत नगर निगम ने एशिया का सबसे बड़ा फ्लाईओवर बना दिया। रांची नगर निगम को अच्छे इंजीनियर की जरूरत है। मैं 24 घंटे में 16 से 18 घंटे काम करूंगा। आपको भी करना होगा।
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मंत्री के बोल :
- निगम मूल काम से भटक गया है। प्राथमिकता कुछ और है। अब प्राथमिकता बदलनी चाहिए।
- राजधानी की पांच वीआइपी सड़कों व कॉलोनियों में झाड़ू लगाने से नहीं होगी सफाई। यहां गली-मोहल्ले भी हैं। अमीरों की इमारत के अलावा गरीबों की झोपड़ियां भी हैं।
- चिरौंदी स्थित ब्रांबे आवासों की जिंदगी नारकीय हो गई। उन्हें भी सामान्य जीवन जीने का अधिकार है।
- धन नहीं है तो सीसीएल, मेकॉन व सेल आदि कंपनियों से मदद लीजिए। कहिए तो सीएमडी से मैं खुद मिलूंगा।
- संयुक्त बिहार के समय से सुन रहा हूं कि बड़ा तालाब का सुंदरीकरण होगा। आज तक नहीं हुआ।
- जयपाल सिंह स्टेडियम को लोगों ने खत्म कर दिया। पता नहीं कौन सा चिड़ियाघर बन रहा है।
- डीपीआर शब्द गजब का है। डीपीआर का खेला कब तक चलेगा? कम समय में अधिक उपलब्धि चाहिए।
- निगम की तरह राज्य में 39 नगर निकाय हैं। जहां जाऊंगा वहां की बात करूंगा।
- सफाई महिला रेजा मोरहाबादी मैदान में ढील हेरने (सिर से जूं साफ करने) का काम बंद कीजिए।
- निगम के कर्मचारियों को कहा, काम करें, दाम मिलेगा।
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