ननिहाल से संकल्प को था खास लगाव
रांची : जम्मू-कश्मीर में शहीद रांची के लेफ्टिनेंट कर्नल संकल्प कुमार शुक्ला को अपने ननिहाल से खास लग
रांची : जम्मू-कश्मीर में शहीद रांची के लेफ्टिनेंट कर्नल संकल्प कुमार शुक्ला को अपने ननिहाल से खास लगाव था। जब भी मौका मिलता, वे वहां जाना नहीं भूलते। उनका ननिहाल बिहार के मुंगेर जिले के कल्लू बाड़ा स्थित बाजार में है, जहां उनका बचपन गुजरा। उनका पैतृक गांव गया के टेकारी में है, लेकिन वहां से उनका खास नाता नहीं रहा। यह कहना है उनके ममेरे भाई रीतेश दुबे का, जो इस शहादत की सूचना पर पूरे परिवार के साथ रांची पहुंचे थे।
रीतेश बताते हैं कि संकल्प का बचपन ननिहाल में ही गुजरा। वह शुरू से ही मेधावी रहे। उनके भीतर किसी भी मुकाम को पाने का जज्बा था और इसी जज्बे की बदौलत उन्होंने सेना में यह मुकाम हासिल किया थी। संकल्प के पिता एसके शुक्ला पहले टिस्को में थे। टिस्को की नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने कंस्लटेंसी का काम शुरू किया था।
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रिश्तेदारों व सैनिकों से भरा रहा घर
रांची स्थित बूटी मोड़ होटल रीट्रीट के पास कृष्णा नगर में संकल्प का आवास है। यहां उनकी मां सुषमा शुक्ला व पिता एसके शुक्ला रहते हैं। शहादत की सूचना जिसे मिली, वह उनके घर पहुंच गया। घटना के दूसरे दिन शनिवार को उनका घर उनके रिश्तेदारों व सैनिकों से भरा रहा। उनके घर में मौसेरे भाई प्रभात शुक्ला व उनका परिवार, ममेरे भाई रीतेश दुबे व उनका परिवार, सेना के वरिष्ठ अधिकारी व जवान पहुंचे थे। सभी शोक-संतप्त परिजन को सांत्वना देने में जुटे थे। आस-पड़ोस के लोग भी उनके घर पहुंच रहे थे। सभी शव के आने के समय की जानकारी ले रहे थे, ताकि संकल्प के शव का अंतिम दर्शन कर सकें।
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रास्ते में थे दीदी व जीजा
संकल्प अपनी इकलौती बहन (बड़ी बहन) मेघा शुक्ला के इकलौते भाई थे। दीदी मेघा शुक्ला व जीजा डॉ. आशीष दीक्षित रांची के लिए चल चुके थे, जो शनिवार की देर रात तक पहुंचने वाले थे। डॉ.आशीष दीक्षित वर्तमान में मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे अस्पताल में चिकित्सक के पद पर कार्यरत हैं।
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24 नवंबर को संकल्प ने मनाया था अपना अंतिम जन्मदिन
24 नवंबर को संकल्प का जन्मदिन था। प्रत्येक जन्मदिन को संकल्प पूरी जिंदादिली से मनाते थे। यह कहना है उनके ममेरे भाई रीतेश का। जम्मू में नौकरी पर रहते हुए भी संकल्प घर के किसी भी सदस्य को यह कमी नहीं होने देते थे कि वे उनसे दूर हैं। अपने ननिहाल से लेकर घर तक वे लगातार बातें करते थे। इसी 24 नवंबर को उनकी सबसे बातें हुई थीं। कुछ हंसी-मजाक भी हुआ था। बातों-बातों में संकल्प ने बताया था कि वे 12 दिसंबर को कर्नल पद पर मिलने वाली प्रोन्नति के बाद शीघ्र रांची आएंगे।
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30 जनवरी 2004 को हुई थी शादी
संकल्प की शादी 30 जनवरी 2004 को पटना कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रोफेसर पीएन तिवारी की पुत्री प्रिया से हुई थी। शादी का आयोजन रांची में डोरंडा के दोनों युवराज होटल में हुआ था। एक युवराज होटल से होटल युवराज पैलेस में बारात गई थी। संकल्प की दो बेटियां हैं। एक आठ साल की सारा व पांच साल की माना।
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..तब उन्हें लगे थे 40 टांके
वर्ष 2003 में संकल्प को एके-47 से गोली लगी थी। तब संकल्प को 40 टांके लगे थे। गोली लगने के बाद भी संकल्प ने हिम्मत नहीं हारी और पूरे जज्बे के साथ अपने अभियान पर लगे रहे।
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आज हरमू मुक्तिधाम में होगा अंतिम संस्कार
संकल्प के शव का अंतिम संस्कार रविवार को हरमू मुक्तिधाम में होगा। सेना के अधिकारियों ने बताया कि पूरे सैनिक सम्मान व सलामी के साथ संकल्प को अंतिम विदाई दी जाएगी।
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