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सरकार दलितों के अधिकार के प्रति असंवेदनशील

रांची : अखिल भारतीय अनुसूचित जाति महासभा के केंद्रीय अध्यक्ष आरपी रंजन ने कहा है कि राज्य सरकार दलित

By Edited By: Published: Sun, 19 Oct 2014 08:37 PM (IST)Updated: Sun, 19 Oct 2014 08:37 PM (IST)
सरकार दलितों के अधिकार के प्रति असंवेदनशील

रांची : अखिल भारतीय अनुसूचित जाति महासभा के केंद्रीय अध्यक्ष आरपी रंजन ने कहा है कि राज्य सरकार दलितों के अधिकार व विकास के प्रति असंवेदनशील है। राज्यों में आज तक अनुसूचित जाति आयोग का गठन व 85 वें संविधान संशोधन का अनुपालन नहीं किया गया। यह दलितों के प्रति अभी तक के सरकारों की मानसिकता पर सवाल उठाता है। वह रविवार को होटल सिटी प्लेस में महासभा की बैठक में बोल रहे थे।

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उन्होंने कहा कि वर्तमान विधानसभा चुनाव को देखते हुए महासभा सभी सामान्य सीटों पर अपनी ताकत दिखाएगी। ताकि अनुसूचित जाति का वजूद पता चल सके। केंद्रीय महासचिव उपेंद्र कुमार रजक ने कहा कि राज्य में अनुसूचित जाति की आबादी 14.51 फीसद है और आरक्षण 10 फीसद दिया जा रहा है, जो संविधान में दिए अधिकार का हनन है। कहा, राज्य में अनुसूचित जाति के कर्मचारी, छात्र-छात्राओं के साथ भेदभाव जारी है। दलितों के मंदिर में प्रवेश के बयान पर शंकराचार्य को समाज में अशांति फैलाने वाला व्यक्ति बताया। अंत में सात सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया। मौके पर एमएल दास, कैलाश पासवान, रिझू नायक, श्रवण पासवान, संतोष कुमार, रवि अंगध, संजय, आकाश, शिवलाल नायक, रमेश कुमार, रवि, रंजन राम, सलेंद्र, महावीर मिर्धा सहित कई लोग शामिल थे।

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पारित प्रस्ताव :

- संविधान के प्रावधानों के तहत 15 प्रतिशत आरक्षण मिले।

- अनुसूचित जाति आयोग का गठन हो।

- झारखंड में 85वें संविधान संशोधन का अनुपालन हो।

- लंबित चार हजार अनुसूचित जाति अत्याचार अधिनियम मामले में स्पीडी ट्रायल कर दोषियों पर तत्काल करवाई करें।

- अनुसूचित जाति के छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति मिले और छात्रावास का निर्माण हो।

- महासभा का सम्मेलन व संगठन विस्तार किया जाएगा।

- दलितों के साथ हो रहा भेदभाव बंद हो।


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