स्थानीय नीति लागू करने को ले धरना
रांची : स्थानीय नीति लागू कराने की मांग को लेकर शनिवार को आदिवासी-मूलवासी जनाधिकार मंच सहित अन्य संग
रांची : स्थानीय नीति लागू कराने की मांग को लेकर शनिवार को आदिवासी-मूलवासी जनाधिकार मंच सहित अन्य संगठनों ने राजभवन के समक्ष धरना दिया। धरने पर स्वराज पार्टी, आदिवासी जनपरिषद, रांची महानगर सरना प्रार्थना सभा सहित अन्य संगठनों के प्रतिनिधि भी बैठे। स्थानीय नीति लागू करने की मांग को लेकर तीन नवंबर को झारखंड बंद का एलान किया गया।
आमूजमं के संयोजक राजू महतो ने कहा कि स्थानीय नीति के नाम पर अब तक झारखंडियों को सिर्फ ठगा गया है। प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि संघर्ष का बिगुल बज चुका है। जब तक स्थानीय नीति लागू नहीं होगी, लड़ाई जारी रहेगी। शिवा कच्छप ने कहा कि स्थानीय नीति हमारा हक है। जब अन्य राज्यों में स्थानीय नीति लागू है, तो झारखंड में क्यों नहीं हो रही। झारखंडियों के हक मारे जा रहे हैं। एस अली ने कहा कि हर बार चुनाव के समय स्थानीय नीति लागू करने का आश्वासन दिया जाता है। अंत में आदिवासी-मूलवासी जनाधिकार मंच ने राज्यपाल के नाम से पांच सूत्री ज्ञापन सौंपा। मौके पर संजीव वर्मा, वीरेंद्र जायसवाल, इशरत आलम, अंथन लकड़ा सहित कई लोग थे।
मंच की मुख्य मांगें
- अंतिम सर्वे को आधार मानकर स्थानीय नीति लागू करें।
- झारखंड की नौ क्षेत्रीय भाषाओं को प्रत्येक स्तर पर लागू करें।
- हटिया विस्थापितों समेत झारखंड की विभिन्न परियोजनाओं में विस्थापितों की अतिरिक्त भूमि वापस की जाए।
- झारखंड में अनुबंधित नियुक्तियों व दैनिक मजदूरी नियुक्तियों पर अविलंब रोक लगाई जाए।