लहलाएगी धान, उम्मीदें चढ़ीं परवान
रांची : बारिश के उतार चढ़ाव के बीच झारखंड की प्रमुख फसल धान की खेती का आंकड़ा 1494 हजार हेक्टेयर को पार कर गया है। यह कृषि विभाग द्वारा इस वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य 1767 हजार हेक्टेयर का 84.58 प्रतिशत है। खरीफ फसल को लेकर कृषि विभाग द्वारा जारी की गई फाइनल रिपोर्ट में यह आंकड़े सामने आए हैं। पलामू और गढ़वा को छोड़कर राज्य के अन्य सभी जिलों की रिपोर्ट उत्साहित करने वाली रही है।
जहां मानसून के उतार-चढ़ाव को लेकर तरह-तरह की आशंका व्यक्त की जा रही थी, वहीं अब धान लहलहाने की आस से किसानों की उम्मीदें परवान चढ़ रही हैं। सरकार को भी खासी राहत मिली है। बता दें कि धान फसल आच्छादन के आंकड़े पिछले दो सालों से बेहतर है। वर्ष 2012 में 1414 हजार हेक्टेयर में धान की खेती हुई थी जबकि वर्ष 2013 में महज 1224.75 हजार हेक्टेयर। इस वर्ष खरीफ के आंकड़े गत वर्ष 22 फीसद अधिक रहे हैं। कृषि विभाग की सारी आस अब प्रति हेक्टेयर उत्पादकता पर निर्भर है। यदि प्रति हेक्टेयर उत्पादकता 3000 किलोग्राम रही तो 44 लाख हेक्टेयर को पार कर जाएगा जो कि वर्ष 2011 के आंकड़े के तकरीबन बराबर होगा जब धान उत्पादन में राज्य के रिकार्ड बनाया था। धान के अलावा मक्का का आच्छादन तकरीबन गत वर्ष के बराबर रहा है। हां, दलहन में अवश्य गिरावट आई है। इस वर्ष 259.96 हजार हेक्टेयर में मक्का की खेती की गई है जबकि 334.17 हजार हेक्टेयर में दलहन की।
पिछले वर्ष से तुलना
फसल वर्ष 2013 वर्ष 2014
धान 1224.75 1494.46
मक्का 259.72 259.96
दलहन 555.34 334.17
नोट : सभी आंकड़े हजार हेक्टेयर में हैं।