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सिल्ली तो झांकी, पूरा झारखंड बाकी

By Edited By: Published: Mon, 15 Sep 2014 01:54 AM (IST)Updated: Mon, 15 Sep 2014 01:54 AM (IST)
सिल्ली तो झांकी, पूरा झारखंड बाकी

आनंद मिश्र, रांची

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भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत महतो और हाल ही में झाविमो से भाजपा में शामिल हुए अमित महतो की आपसी झड़प तो बानगी भर है। विधानसभा चुनाव आते-आते भाजपा में यह सीन आम हो जाएगा। दरअसल, प्रदेश भाजपा में बाहरी बनाम भीतरी का मसला तूल पकड़ता जा रहा है, जो देर सवेर विस्फोटक रूप ले सकता है।

दूसरे दलों से भाजपा में आए नेताओं के कारण टिकट से वंचित होने का खतरा महसूस कर रहे प्रदेश भाजपा के पदाधिकारियों ने विरोध का स्वर उठाना शुरू कर दिया है। चुनाव आते-आते यह स्वर मर्यादा की लक्ष्मण रेखा पार कर सकता है। प्रदेश के शीर्ष नेताओं को इससे अवगत भी करा दिया गया है। हालांकि भाजपा के प्रदेश सह प्रभारी समेत तमाम शीर्ष नेता सफाई देते फिर रहे हैं कि पार्टी में शामिल होना टिकट की गारंटी नहीं है लेकिन ये सब जानते हैं कि इंट्री की मूल वजह कमल छाप टिकट ही है।

वैसे तो प्रदेश की तमाम सीटों पर टिकट को लेकर तनातनी होने की संभावना है लेकिन कुछ विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां विवाद सीमाओं को लांघ सकता है। झाविमो छोड़कर भाजपा में शामिल हुए समरेश सिंह अभी अपनी राजनीतिक पारी जारी रखना चाहते हैं। जाहिर है वे बोकारो से ही चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में भाजपा में शुरू से जुड़े रहे पदाधिकारी का क्या होगा? यहां टकराव लाजिमी है। अब यह झड़प तक जाएगा या मारपीट तक इसका जवाब तो समय ही देगा। इसी प्रकार सिंदरी से फूलचंद मंडल की दावेदारी को खारिज करना भाजपा के लिए आसान नहीं होगा। सिमरिया से जय प्रकाश सिंह भोक्ता और गिरिडीह से निर्भय शाहबादी से भाजपा कैसे पल्ला झाड़ेगी। मुश्किल तो जमुआ से चंद्रिका महथा को लेकर भी पैदा होगी। कांग्रेस से राधाकृष्ण किशोर भी छतरपुर में भाजपा का चुनाव प्रचार करने नहीं आए हैं। रामचंद्र चंद्रवंशी भी विश्रामपुर में सिर्फ भाजपा का झंडा नहीं ढोएंगें। आजसू से भाजपा में आए प्रवीण प्रभाकर की दावेदारी भी लाजिमी है। सारठ के पूर्व विधायक उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह और पूर्व विधायक मनोहर टेकरीवाल संथाल की राजनीति में खासा दखल रखते हैं। भाजपा इन्हें सिरे से तो दरकिनार नहीं करेगी। हाल ही में पार्टी में शामिल हुए अजय नाथ शाहदेव को हटिया से मजबूत दावेदारों में से एक माना जा रहा है। उपचुनाव में वे दूसरे स्थान पर रहे थे। ऐसे में सर्वाधिक दावेदारों वाली हटिया विधानसभा सीट को लेकर किचकिच स्वाभाविक है। इसके अलावा दर्जन भर सीटें और ऐसी हैं जहां नए दावेदार अधिक प्रभावशाली माने जा रहे हैं, सो टकराव होना तय है। खराब समय में संगठन का झंडा ढोने वाले कार्यकर्ताओं के जब 'अच्छे दिन' आए तो पार्टी में बाहर से आने वालों की बाढ़ आ गई। वरिष्ठ सांसद कड़िया मुंडा ने भी भाजपा में बाहरी-भीतरी के सवाल पर भाजपा को आगाह किया है।

भाजपा ने गठित की कमेटी

रांची : सोनाहातू के भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान हुए विवाद की जांच के लिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र कुमार राय ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है। कमेटी के संयोजक प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश उरांव बनाए गए हैं। इनके साथ ग्रामीण जिला प्रभारी विनय कुमार लाल एवं ग्रामीण जिला अध्यक्ष जयलेंद्र सभी पक्षों से बातचीत कर प्रदेश नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।


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