बाबूलाल को लेकर चलने की तैयारी में कांग्रेस
रांची : आगामी विधानसभा चुनाव में यूपीए के घटक दल अब रायशुमारी कर अंतिम नतीजे पर पहुंचेंगे। फिलहाल इसे लेकर तमाम पार्टियों में संशय की स्थिति है और सारे दल अपनी-अपनी तैयारी में लगे हैं लेकिन कांग्रेस ने पहल करते हुए सबको एक छतरी के नीचे लाने की योजना को तेजी से अमल में लाने की कवायद शुरू की है। प्रदेश कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मधुसूदन मिस्त्री को तालमेल का प्रारूप बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। वे इस टास्क को निपटाने के पहले अपने विश्वस्तों से सलाह लेने में जुटे हैं। यूपीए का दायरा तीन दलों से बढ़ाकर महा-गठबंधन तैयार करने की है। इसमें सबसे ज्यादा जिच झाविमो को लेकर है। झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी फिलहाल तमाम 81 सीटों पर लड़ने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन वे कांग्रेस के आला नेताओं के संपर्क में हैं। 2009 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस और झाविमो ने मिलकर लड़ा था और इस गठबंधन ने भाजपा को तगड़ा झटका देते हुए 25 सीटों पर जीत के झंडे गाड़े थे। इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस इस फिराक में है कि गठबंधन के दायरे में बाबूलाल भी आएं। अभी तक तालमेल को लेकर मेल-मुलाकात गुप्त तरीके से हो रहा था लेकिन कयास लगाया जा रहा है कि जल्द ही होने वाली बैठक में वैसे तमाम दलों के नेता शामिल होंगे जो कांग्रेस की अगुवाई में विधानसभा चुनाव में दमदार मौजूदगी की तैयारी में हैं।
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स्थानीय नेताओं के लिए अलग-अलग सुर
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तालमेल कर चुनाव लड़ने के सवाल पर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के अलग-अलग सुर हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखदेव भगत अकेले लड़ने को पार्टी के ज्यादा हितकर मानते हैं तो पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार बलमुचू, सुबोधकांत सहाय, फुरकान अंसारी सरीखे वरीय नेताओं ने दलील दी है कि भाजपा को रोकने के लिए महा-गठबंधन तैयार करना जरूरी है। उधर झामुमो ने फिलहाल झाविमो के लेकर ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया है। पार्टी ने तालमेल के लिए अध्यक्ष शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन को अधिकृत कर दिया है।