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जन धन योजना का लाभ सीधे गरीबों की थाली तक : धर्मेद्र प्रधान

By Edited By: Published: Fri, 29 Aug 2014 02:03 AM (IST)Updated: Fri, 29 Aug 2014 02:03 AM (IST)
जन धन योजना का लाभ सीधे गरीबों की थाली तक : धर्मेद्र प्रधान

राज्य ब्यूरो, रांची : प्रधानमंत्री जन-धन योजना सीधे गरीबों से जुड़ी है। झारखंड जैसे गरीब राज्य की जनता इस योजना से खासी लाभांवित होगी। योजना से सरकार की योजनाओं का लाभ सीधे गरीब की थाली तक पहुंचेगा। यह बात केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद प्रधान ने योजना का शुभारंभ करते हुए यहां होटल बीएनआर चाणक्या में आयोजित समारोह में कही। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मौजूद थे।

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प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को एक महत्वाकांक्षी योजना देश के सामने लाने का वादा किया था और 28 अगस्त को प्रधानमंत्री जन-धन योजना देश को समर्पित कर दी। प्रधान ने कहा कि इसे लेकर राजनीति करना उचित नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि वे भारत सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना का लोकार्पण कर रहे हैं।

जन-धोखा योजना न बन जाए जन-धन योजना : हेमंत

उधर, केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को झारखंड में लांच करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने योजना के विपरीत पहलुओं की भी चर्चा कर डाली। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा, जन-धन योजना कहीं जन-धोखा योजना न बन जाए।

सधे हुए राजनीतिज्ञ की तरह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन की शुरुआत योजना की सराहना से की लेकिन उनका फोकस योजना के नकारात्मक पहलुओं पर ही रहा। नन बैंकिंग और फर्जी इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा पूर्व में किए गए घपले-घोटालों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें गरीब-मजदूरों की गाढ़ी कमाई का पैसा लेकर कंपनियां भाग गई हैं। यहां केंद्रीय मंत्री बैठे हैं वह इस बात से भी प्रधानमंत्री को अवगत कराएं कि ऐसी पुनरावृत्ति न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ बैंक खाता खोलना समस्या का समाधान नहीं है, जरूरत हमारी संवैधानिक व्यवस्था के विस्तार की है। आज बैंकिंग व्यवस्था पंचायत स्तर तक नहीं है।

राज्य में अधिक से अधिक बैंक खुले

अपनी शंका का उजागर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, बैंक मध्यस्थ के माध्यम से ग्रामीणों के बीच जाएंगे और गांव का गरीब उन बिजनेस कोरेस्पांडेंट को अपनी गाढ़ी कमाई दे देगा। वे खाता खोलेंगे और ग्रामीणों को एक और पालिसी बताएंगे। इस तरह एक और घोटाले की आशंका बनी रहेगी। इसलिए जरुरी है कि राज्य में अधिक से अधिक बैंक खुले।

तुगलकी फरमान न साबित हो जाए खाता खोलना

प्रधानमंत्री पर सधे शब्दों में कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि खाता खोलना कहीं लोगों के लिए तुगलकी फरमान न साबित हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि जन-धन योजना का अभी सिर्फ ट्रायल शुरू हुआ है। खाताधारियों के लिए पांच हजार रुपये के ओवर ड्राफ्ट की बात कही जा रही है, लेकिन यह तभी होगा जब छह माह तक खाते का सफल संचालन हो, खातेधारी की गतिविधि देखी जाएगी।

इस मौके पर रांची सांसद रामटहल चौधरी, पलामू सांसद बीडी राम, चतरा सांसद सुनील सिंह, रांची विधायक सीपी सिंह, मेयर आशा लकड़ा, भाजपा नेता भूपेंद्र यादव, मुख्य सचिव सुधीर प्रसाद, बैंक ऑफ इंडिया के कार्यपालक निदेशक बीपी शर्मा, रांची उपायुक्त विनय चौबे सहित विभिन्न बैंकों के अधिकारी मौजूद थे।

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मुख्यमंत्री का बयान हताशा का परिचायक : भाजपा

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष अनंत ओझा ने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा सभी राज्यों के संपर्क मे रहकर राज्यों का विकास करने की है। इस दिशा में तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। झारखंड पर नरेंद्र मोदी की विशेष नजर है। केंद्र सरकार झारखंड सहित पूर्वोत्तर राज्यों का विकास चाहती है। हताशा में इससे घबराकर मुख्यमंत्री इस तरह के बयान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री गरीबों के हितैषी है या मुनाफाखोरों के?

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