अच्छे दिन की आस में टूट रही सांस
रांची : पथ परिवहन निगम के कर्मचारी अच्छे दिनों का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन उनकी जिंदगी में अच्छे दिन आते दिख नहीं रहे हैं। अच्छे दिन की आस में अब तो उनकी सांसें टूटने लगी हैं। उम्मीद नाउम्मीदी में बदल रही है। आर्थिक तंगी से परिवहनकर्मियों के दुनिया छोड़कर जाने का सिलसिला थम नहीं रहा है। अब तक सात कर्मी स्वर्ग सिधार चुके हैं। परिवहनकर्मी विजय कुमार की मंगलवार की रात हुई मौत ने एक बार फिर सरकारी व्यवस्था और नौकरशाही की पोल खोल दी। विजय कुमार को भी 9 महीने से वेतन नहीं मिला था। उनकी तबियत खराब थी। पैसे की कमी से वह इलाज नहीं करा सके और दुनिया छोड़कर चले गए। विजय कुमार की मौत ने सबको हिला कर रख दिया है। गत दिनों एक कर्मी बकाया पैसा के लिए चक्कर लगाते-लगाते दुर्घटना का शिकार हो गया। सैकड़ों परिवहनकर्मियों को नौ महीने से वेतन नहीं मिला है।
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परिवहनकर्मियों ने दी श्रद्धांजलि
गुरुवार को रांची स्थित बस डिपो परिसर में एक शोकसभा आयोजित कर विजय कुमार को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। परिवहनकर्मियों ने मौत के लिए परिवहन विभाग को जिम्मेदार बताया। शोकसभा में केपी राय, पुरुषोत्तम मिश्रा, ललन सिंह सहित अनेक कर्मी शामिल थे। इधर, झारखंड अराजपत्रित कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नवीन चौधरी ने विजय कुमार के आश्रितों को तुरंत सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
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