खीराबेड़ा में डायरिया से दो मरे, कई अक्रांत
ओरमांझी : ओरमाझी के खीराबेड़ा गाव में डायरिया से दो दिनों में दो लोग पैरो देवी व पुसू बेदिया की मौत हो गई है। इस गांव में और कई लोग डायरिया से अक्रांत हैं। यह गांव आदिवासियों का है।
मृतक पुसू बेदिया और पैरो देवी पति-पत्नी थे। 62 वर्षीय पुसू बेदिया पिछले चार दिनों से डायरिया से पीड़ित था, जबकि 55 वर्षीया पैरो देवी तीन दिनों से डायरिया से पीड़ित थी। जानकारी के अनुसार दोनों अपना इलाज झोलाछाप डॉक्टर से करा रहे थे। इलाज के दौरान दोनों की घर पर ही मौत हो गई।
गांव में डायरिया से पीड़ित करमी देवी को शुक्रवार को रामगढ़ के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक अन्य मरीज सुनील बेदिया को एक झोलाछाप डॉक्टर शनिवार सुबह से ही छह बोतल स्लाइन चढ़ा चुका था व कई इंजेक्शन दे चुका था। जब सुनील की स्थिति गंभीर हो गई तो उसे ओरमाझी पीएचसी में भर्ती कराया गया। स्थिति नाजुक होने के कारण उसे वहां से रिम्स भेज दिया गया। इसके अलावा एक बच्चा आकाश, आरती कुमारी, दीनानाथ बेदिया, निशा देवी, रामू बेदिश सहित कई बच्चे डायरिया की चपेट में अभी भी हैं। चौंकाने वाली बात है कि खीराबेड़ा गाव पिछले चार-पाच दिनों से डायरिया के चपेट में है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग को खबर तक नहीं है। मुखिया शिवचरण करमाली व अशोक प्रजापति द्वारा चिकित्सा प्रभारी को खबर देने पर चिकित्सक की टीम गाव पहुंची है।
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चिकित्सा व्यवस्था चरमराई :
खीराबेड़ा से पाच किलोमीटर की दूरी पर है सामुदायिक चिकित्सा केंद्र। इसके अलावा उप स्वास्थ्य केंद्र चुटुपालू में है, जहां एएनएम निर्मला टोप्पो व सरिता कुजूर की ड्यूटी है। गाव में सहिया भी हैं। फिर भी स्वास्थ्य विभाग को पता नहीं चला कि गाव में डायरिया से दो लोगों की मौत हो गई है और कई लोग बीमार हैं। मुखिया शिवचरण करमाली का कहना है कि क्षेत्र में न कोई डॉक्टर आते हैं और न ही चिकित्साकर्मी।
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एएनएम व सहिया स्वास्थ्य के तंत्र होते हैं। इन लोगों ने हमें कोई जानकारी नहीं दी है। अब सूचना मिल गई है, शीघ्र ही चिकित्सा टीम को भेजा जा रहा है।
- डॉ. आरबी सिंह, चिकित्सा प्रभारी
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