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गांवों में हो रोजगार का इंतजाम

By Edited By: Published: Sat, 23 Aug 2014 01:47 AM (IST)Updated: Fri, 22 Aug 2014 11:52 PM (IST)
गांवों में हो रोजगार का इंतजाम

रांची : सहस्त्राब्दी लक्ष्य हासिल करने में अब महज पांच सौ दिन शेष हैं। लक्ष्य प्राप्ति को लेकर शुक्रवार को सेव द चिल्ड्रन की ओर से एक राज्यस्तरीय हितधारक परामर्श का आयोजन हुआ। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष महुआ माजी ने कहा कि राज्य की सबसे बड़ी समस्या मानव तस्करी है। इसे रोकने का आसान उपाय है कि महिलाओं के लिए गांव में ही रोजगार का इंतजाम हो। झारक्राफ्ट आदि भी इससे मदद कर सकती हैं।

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महुआ ने बाल विवाह के आंकड़े पर भी एतराज जताया। कहा, यह विश्वसनीय नहीं है। झारखंड आदिवासी बहुल इलाका है और यहां बाल विवाह को बढ़ावा नहीं दिया जाता। उन्होंने सहस्त्राब्दी लक्ष्य को हासिल करने के लिए सबको मिलकर प्रयास करने पर बल दिया।

बाल अधिकार आयोग की अध्यक्ष रूपलक्ष्मी मुंडा ने कहा कि 2000 में स्थापित सहस्त्राब्दी लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में झारखंड ने कई बड़े कदम उठाए हैं। लक्ष्य को हासिल करना देश और अपने राज्य के लिए जरूरी है।

बलराम ने कहा कि अब मात्र पांच सौ दिन शेष हैं। हमें दिन-रात काम करने पर बल देना होगा। उसके लिए रणनीति बनाकर काम करना होगा।

स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के अनुसार राज्य ने एमडीजी के लक्ष्य चार को हासिल करने की दिशा में काम करते हुए शिशु मृत्यु दर को 36 प्रति 1000 पर ला दिया है। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने यह भी बताया की झारखंड के कई जिलों ने शिशु मृत्यु दर एवं पाच वर्ष से कम की मृत्यु दर वाले एमडीजी को हासिल कर लिया है। मौके पर प्रजेंटेशन के माध्यम से भी लैंगिक समानता, शिक्षा और शिशु मृत्यु दर के बारे में जानकारी दी गई।


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