युवा कम्युनिस्ट जनांदोलन को विकसित करें : वृंदा
रांची : सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक परिवर्तन कम्युनिटों का मुख्य उद्देश्य है। कम्युनिस्ट पूरी दुनिया में मनुष्य द्वारा मनुष्य के शोषण के खिलाफ चल रहे संघर्ष के अगली कतार में है।
यह बातें एचआरडीसी सभागार में सीपीएम पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने कही। वे दो दिन से चल रहे सीपीएम के युवा कार्यकर्ता शिक्षण शिविर को संबोधित कर रही थीं। शिविर का समापन करते हुए कहा कि पूंजीवाद आम जनता के बुनियादी मुद्दों को हल नहीं कर सकता, क्योंकि पूंजीवाद मुनाफे के आधार पर चलता है। इसलिए आम लोगों की गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी और शोषण खत्म नहीं होता। सीपीएम का गठन इसी के उद्देश्य से किया गया है। इसलिए युवा कम्युनिस्टों को अपने वैचारिक आधार को सशक्त करते हुए जनांदोलनों को विकसित करना चाहिए। युवाओं की प्राथमिकता में सबसे पहले यही हो।
शिविर चार सत्रों में बंटा हुआ था। भारत में कम्युनिस्ट आंदोलन का इतिहास, कम्युनिस्ट होने का अर्थ, मार्क्सवादी दर्शन एवं पार्टी संगठन एवं जनसंगठन विषय पर व्याख्यान हुए। इसके बाद समूह चर्चा एवं प्रश्नोत्तर का सत्र भी चला। शिविर में 18 जिलों के 108 युवाओं ने भाग लिया। शिक्षक के रूप में वृंदा करात, मध्यप्रदेश इकाई के सचिव बादल सरोज, राज्य सचिव मंडल के रामचंद्र ठाकुर ने उपस्थित थे। उद्घाटन गोपीकांत बक्शी ने किया। विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता सुरजीत सिन्हा एवं इकबाल ने की।