लोक अदालत में फिर एक दूजे के हुए दंपती
रांची : सिविल कोर्ट में लगाए गए नेशनल लोक अदालत में 15 हजार मामलों का निष्पादन किया गया। साथ ही मामले के पक्षकारों को दस करोड़ रुपये दिया गया। इसमें बैंक, मोटरवाहन दुर्घटना, बीएसएनएल सहित कई मामले निष्पादित किए गए। यह जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव संतोष कुमार ने दी। लोक अदालत में हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर बानुमति, झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस डीएन पटेल, न्यायमूर्ति एनएन तिवारी, रजिस्ट्रार जनरल एवी सिंह शनिवार को सिविल कोर्ट पहुंचे। सभी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग ई-कोर्ट पहुंचकर नेशनल लोक अदालत में निपटाए गए मामलों का जायजा लिया। साथ ही कुटुंब न्यायालय के माध्यम से अलग रह रहे चार दंपती को मिलाया गया। चीफ जस्टिस ने इन चारों पत्नी-पत्नी के बीच एक दूसरे से माला पहनवाया। उन्होंने अलग रहे रहे पति-पत्नी को एक साथ होने पर खुशी जाहिर की और मिल-जुलकर रहने की नसीहत दी। मोटरवाहन दुर्घटना में मृत व्यक्ति के आश्रितों को चेक प्रदान कर विदा किया। साथ ही चेक देने के बाद लाभुकों से कहा कि वह पैसे का सदुपयोग कर बच्चों को पढ़ाने में इस्तेमाल करें। जस्टिस डीएन पटेल ने कहा कि लड़ाई वाला नहीं, समाधान वाले की जीत होती है। परिवार में बिखराव के समाधान का आप सभी ने निर्णय लिया। यह अच्छी सोच का प्रतीक है। महिलाओं को उन्होंने सलाह दी कि पति के कामों में हाथ बंटाकर साथ-साथ चलने में सहयोग करें। इसके पूर्व प्रधान न्यायायुक्त एसएच काजमी ने मुख्य न्यायाधीश को वीडियो कांफ्रेंसिंग ई-कोर्ट के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हाई प्रोफाइल कैदियों की पेशी में इससे सुविधा हुई है। साथ ही डॉक्टर, अनुसंधान पदाधिकारी की गवाही में भी आसानी हुई है।
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फिर एक दूजे के हुए पति-पत्नी
1. रौशन हारा उर्फ तरन्नुम : पति मो. इरसाद खान
2. असगरी परवीन :काफिल अख्तर
3. बाजदा तब्बसूम = मेहराव अली
4. अर्चना देवी : अरविंद कुमार
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इन लाभुकों को मिला चेक
-कार्तिक राम गुप्ता : नौ लाख 50 हजार
- कौशिला देवी : तीन लाख 69 हजार
- कुजू उरांव : तीन लाख
- मनु कुजूर और ऋतु कुजूर, पति-पत्नी को संयुक्त : दो लाख 70 हजार
- सोहगी देवी : तीन लाख 55 हजार
- सावित्री देवी : तीन लाख 30 हजार
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46 वर्ष पुराना केस भी सुलझा
रांची गोशाला न्यास का 46 वर्ष पुराना मामला भी नेशनल लोक अदालत में सुलझा। सरकार ने गोशाला का जमीन अधिग्रहण किया था। इसके एवज में मुआवजा नहीं मिला था। लोक अदालत में 57 लाख 12 हजार 664 रुपये मुआवजा के रूप में दिया गया।
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चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से देखी नेशनल लोक अदालत की कार्यवाही
रांची : सिविल कोर्ट में नेशनल लोक अदालत की कार्यवाही दिल्ली में बैठे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी. सदाशिवम एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यकारी अध्यक्ष जीएस सिंघवी तथा झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आर बानुमति, जस्टिस डीएन पटेल एवं एनएन सिन्हा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से देखी। जबकि रांची में वीडियो कांफ्रेंसिंग ई-कोर्ट में प्रधान न्यायायुक्त एसएच काजमी, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव संतोष कुमार, रजिस्ट्रार राजीव रंजन, स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष उमाशंकर प्रसाद सिन्हा एवं अन्य सदस्य उपस्थित थे। सभी ने एक दूसरे से बातें की। इस समय ई-कोर्ट, झारखंड हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट एक साथ जुड़ा था। वहीं एक-एक कर इलाहाबाद, दिल्ली आदि विभिन्न राज्यों के जिला कोर्ट से लोक अदालत की लाइव कार्यवाही देखी गई। साथ ही झारखंड के रांची, हजारीबाग और बोकारो कोर्ट की कार्यवाही देखी गई।
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