चिकित्सक कर रहे निजी क्लिनिक का प्रचार
मेदिनीनगर : पलामू प्रमंडलीय सदर अस्पताल में सेवा देने वाले कई सरकार चिकित्सक निजी क्लिनिक का प्रचार
मेदिनीनगर : पलामू प्रमंडलीय सदर अस्पताल में सेवा देने वाले कई सरकार चिकित्सक निजी क्लिनिक का प्रचार कर रहे हैं। बुधवार को भी एक ऐसा ही मामला सामने आया। ओडीपी-3 में सेवा दे रहे डॉ. विरेंद्र के क्लिनिक का वीजि¨टग कार्ड मरीजों के बीच बांटा जा रहा था। चैनपुर प्रखंड अंतर्गत शाहपुर निवासी जुनैदा बीबी के प्रति सुहैल, ¨सगरा निवासी अर¨वद कुमार, मेदिनीनगर के कुंड मुहल्ला निवासी अशरफ आलम आदि ने इसका विरोध किया।
लोगों ने आरोप लगाया कि चिकित्सक के पास बैठे लोग चिकित्सक के इशारे पर जबर्दस्ती वीजि¨टग कार्ड सौंप रहे हैं। पाया गया कि ओपीडी-3 में एक मेडिकल रिप्रजेंटेटिव व अस्पताल के सामने स्थित संचालित जांच घर के संचालक मौजूद थे। मुख्य द्वार पर पर्चा जमा करने वाला युवक भी अस्पताल का कर्मचारी नहीं था। यह तो एक बानगी है। हर दिन प्रमंडलीय सदर अस्पताल में तरह-तरह के नजारे देखने को मिलते हैं।
इससे पहले दो दिन पूर्व आउटसोर्सिंग के सहारे सदर अस्पताल में कार्यरत एक कर्मचारी ने स्वास्थ्य विभाग के एक पदाधिकारी के रिश्तेदार से केथेटर लगाने के एवज में तीन सौ रुपये की मांग की थी। बहरहाल, ऐसे मामले सामने के आने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग चुप बैठा है। ऐसी स्थिति में पलामू जिले के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की उम्मीद करना भी बेमानी है।
मालूम हो कि सदर अस्पताल में सेवा देने वाले अधिकतर चिकित्सक अपने निजी सहायकों के साथ ड्यूटी करते हैं। ओपीडी के दौरान यह नजारा आम होता है। दिलचस्प बात तो यह है कि पलामू के सिविल सर्जन ने पूर्व में आदेश जारी किया था कि ड्यूटी के समय अस्पताल में कोई भी मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव दखल नहीं देंगे। सीएस के इस आदेश का माखौल उड़ाया जा रहा है। सुबह से शाम तक एमआर का आवागमन जारी रहता है। अधिकतर चिकित्सकों के टेबल पर दवाओं का कैटलॉग देखा जा रहा है। कई बार एमआर स्वयं की दवाओं की सूची तक चिकित्सक के सामने रख देते हैं।
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इस मामले की सूचना मुझे नहीं है। अगर ऐसा है तो यह गलत हो रहा है। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। चिकित्सकों को मना किया जाएगा।
डॉ कलानंद मिश्रा, सिविल सर्जन, पलामू।