चार दशकों के संघर्ष का सुखद रहा परिणाम : जोरावर
मेदिनीनगर: एकीकृत बिहार के बहुउद्देशीय मंडल डैम परियोजना को पूरा करने की स्वीकृति मि
मेदिनीनगर: एकीकृत बिहार के बहुउद्देशीय मंडल डैम परियोजना को पूरा करने की स्वीकृति मिलने पर पूर्व सांसद जोरावर राम ने इसे विगत चार दशकों के अपने संघर्ष का सुखद परिणाम बताया है। गुरुवार को अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत के क्रम में पूर्व सांसद ने योजना की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार जताया है। बताया कि योजना के पूर्ण होने से बिहार को ज्यादा लाभ होगा लेकिन यह भी सच है कि कोयल नदी में पूरे साल पानी रहेगा। इससे स्वाभाविक तौर पर यहां के लोगों को लाभ मिलेगा। साथ ही क्षेत्र में हरित क्रांति की परिकल्पना को पूरा किया जा सकेगा। बताया कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2019 तक योजना को पूरा करने की डेडलाइन निर्धारित कर दी है। अब यह राज्य सरकार पर निर्भर करता है कि प्रधानमंत्री के संकल्प को कैसे समय के अंदर पूरा करते है। पूर्व सांसद ने बताया कि मंडल डैम में मछली पालन से हजारों बेरोजगारों की किस्मत बदल सकती है। इसी तरह जल विद्युत परियोजना से बिजली का भी उत्पादन किया जा सकेगा। एक प्रश्न के जवाब में पूर्व सांसद बताते है कि मंडल डैम पर गैट लगाने को लेकर वे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय जल संसाधन मंत्री, राज्य के मुख्य मंत्री, जल संसाधन मंत्री सहित कई स्तर पर गुहार लगा चुके हैं। इसके अलावा एक हजार से अधिक धरना प्रदर्शन व अन्य कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा चुका है। बातचीत के क्रम में पूर्व सांसद कई बार भावुक होने लगे। उनके चेहरे पर इतने बड़े संघर्ष का परिणाम साफ-साफ झलक रहा था।