सीआरपीएफ में है समाज से जुड़े रहने की ललक
मेदिनीनगर: केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल का एक मुख्य आम जनता के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित करना है।
मेदिनीनगर: केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल का एक मुख्य आम जनता के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित करना है। आम तौर पर यह समझा जाता है के जनता सशस्त्र बल के प्रति कुंठा से ग्रसित होती है। साथ ही इनमें सशस्त्र बल को बहुत ही कठोर व सख्त समझने व आम जनता से कटे रहने की भावना विकसित हो रही है। जबकि सच्चाई यह है कि बल के जवान सिर्फ बन्दूक व गोलियों की ही भाषा नहीं समझते हैं बल्कि उनके अन्दर एक मानवतावादी दृष्टिकोण तथा समाज से जुड़े रहने की ललक भी होती है। यह बातें 134 सीआरपीएफ के कमांडेन्ट सतीश कुमार ¨लडा ने कही। वे बुधवार को मनातू प्रखंड के रंगेया में आयोजित स्वास्थ्य शिविर को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि कि इस तरह के आयोजन से आम जनता पर एक सकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। साथ ही आम जनता के मन में भ्रांतिया दूर होती हैं वे बल को अपना मित्र व हमदर्द के रूप में जानने लगते है।
रंगेया पंचायत के ग्राम सरगुजा में सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत आयोजित इस शिविर में भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। स्वास्थ्य केन्द्र मनातू के चिकित्सक डॉ. संतोष कुमार के परामर्श से दवाईयों का वितरण किया गया। ग्रामीणों ने इस तरह के आयोजन को आपसी समन्वय के लिए एक बेहतर पहल बताया।
इस मौके पर द्वितीय कमान अधिकारी अरविन्द त्रिपाठी, सहायक कमांडेन्ट रुपेश कुमार, फिलिप थॉमस चिराईल, मनातू थाना प्रभारी संजय कुमार नायक रंगेया के मुखिया रामचन्द्र भुईया सहित कई स्थानीय जनप्रतिनिधि व ग्रामीण उपस्थित थे।