एक अरब खर्च के बाद भी अमानत बराज अधूरा
मुकेश कश्यप: पांकी,पलामू: पांकी अमानत बराज निर्माण कार्य में करीब एक अरब खर्च हो चुका लेकिन अब तक
मुकेश कश्यप: पांकी,पलामू: पांकी अमानत बराज निर्माण कार्य में करीब एक अरब खर्च हो चुका लेकिन अब तक निर्माण अधूरा है। बांध बनने से डूब क्षेत्र में आने वाले लुकुआ, बोरोदीरी, खांड़ समेत आधा दर्जन गांवों के ग्रामीणों ने भूमि के मुआवजे की मांग को लेकर बराज निर्माण कार्य बंद कराया था। इसके बाद से अब तक किसी ने भी बांध निर्माण कार्य दुबारा चालू करने की दिशा में पहल नहीं की। नतीजा बारिश का पानी बेकार ही बह गया। कई नेताओं ने मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया। लेकिन अब तक किसी को मुआवजा नहीं मिल सका। अमानत बराज निर्माण कार्य प्रारम्भ के दौरान इसकी रूप रेखा में औरंगा नदी के पानी को भी नहर के माध्यम से लाने की योजना बनाई गई थी।
बाक्स:. मैने राज्य सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है। जमीन मालिकों को मुआवजा दिलाने की दिशा में प्रयासरत हैं। लोगों को मुआवजा मिलना चाहिए और बराज का कार्य भी पूर्ण होना चाहिए।
-सुनील ¨सह, सांसद चतरा।
बाक्स: राज्य सरकार व दैनिक जागरण ने जल संचयन के लिए गर्मी के दिनों में जनजागरूकता अभियान चलाया परंतु सरकारी कर्मियों की उदासीनता के कारण अरबों रुपये खर्च करने के बाद भी अमानत बराज में जल संचयन की कोई पहल नहीं की जा सकी। ग्रामीणों को मुआवजा देकर यथाशीघ्र इसे पूर्ण कराना चाहिए।
- शंकर प्रसाद, मुखिया सह बीस सूत्री अध्यक्ष पांकी,पलामू।
बाक्स: बराज निर्माण कार्य वर्ष 2012 में पूरा करा लिया गया है। परंतु डूब क्षेत्र में आने वाले जमीन मालिकों के मुआवजे की मांग को लेकर कार्य बाधित है। मुआवजे संबंधित प्रस्तावों को भू-अर्जन विभाग को सुपूर्द कर दिया गया परंतु नियमावली में परिवर्तन होने के कारण देर हो रही है। पानी छोड़े जाने वाले नहर क्षेत्र में लगभग 10 किलोमीटर की दूरी में वनभूमि होने के कारण कार्य में गतिरोध हुआ। इसकी पूर्ति के लिए भू-अर्जन विभाग के द्वारा वन विभाग को लगभग 20 एकड़ भूमि उपलब्ध कराकर भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। मंजूरी मिलते ही कार्य पूर्ण करा लिया जायेगा।-सतीशचंद्र वर्मा, कार्यपालक अभियंता,औरंगा निर्माण प्रमंडल पांकी।