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बने राम राजा, सिया महारानी..

मेदिनीनगर : शहर के साहित्य समाज स्थित तुलसी मानस मंदिर परिसर में आयोजित श्री रामचरितमानस नवाह्न पारा

By Edited By: Published: Wed, 25 Nov 2015 07:20 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2015 07:20 PM (IST)
बने राम राजा, सिया महारानी..

मेदिनीनगर : शहर के साहित्य समाज स्थित तुलसी मानस मंदिर परिसर में आयोजित श्री रामचरितमानस नवाह्न पारायण पाठ महायज्ञ में हो रहे भतन कीर्तन से क्षेत्र गु्जायमान हो रहा है। बुधवार को मानस पाठ का नौवां पारायण पूर्ण हुआ। मानस पाठ के अंतिम दिन बने रामराजा सिया महारानी भजन के साथ भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक हुआ। इस अवसर पर व्यास गद्दी से मांगलिक गीत गाए गए। साथ ही भजन गाकर श्री राम की महिमा का वर्णन किया गया।

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इधर सायंकालीन प्रवचन कार्यक्रम में रोहतास बिहार से पधारे कीर्तन सम्राट पंडित विनोद पाठक ने कहा कि प्रभु श्री राम के चरित को जीवन में उतारें। जीवन धन्य-धन्य हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक मर्यादा ही परिवार को एक सूत्र में बांधे रखता है। जिस घर में परिवार के सभी सदस्य एक-दूसरे के प्रति आदर व सम्मान रखते हैं। वह घर-परिवार सवर्ग के समान होता है। श्री पाठक ने विभिन्न वाद्य यंत्रों पर संगीतमय कथा कही। रामकथा में श्रोता झूमते नजर आए। शहर के विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे कथारसिकों ने श्री रामकथा का अमृतपान किया। श्रोता झूमते देखे गए। इधर कीर्तन सम्राट शंभूशरण ¨सह सरोज ने सुंदर कांड का पाठ कराया। उन्होंने रामकथा के विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से मानस के गूढ़ तत्वों का विवेचन किया। साध्वी राधा देवी ने संगीतमय कथा के माध्यम से लोगों को अमृतोपदेश दिया।

बुधवार को अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार ने पाठकर्ताओं को भोजन कराया। गुरूवार को हवन के साथ नौ दिनी महायज्ञ का समापन हो गया। कार्यक्रम संचालन में अध्यक्ष ध्रुव नारायण ¨सह, सचिव शिवनाथ अग्रवाल आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


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