22 साल से बंद है आसेहार का अनुसूचित जाति छात्रावास
चंद्रदेव प्रजापति, सगालीम : सरकार शिक्षा के प्रति करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। जगह-जगह स्कूल भवन
चंद्रदेव प्रजापति, सगालीम : सरकार शिक्षा के प्रति करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। जगह-जगह स्कूल भवन आदि का निर्माण करा रही है। बावजूद व्यवस्था में सुधार की कोई पहल नहीं की जा रही है। इसका प्रमाण जिले के पांकी प्रखंड के आसेहार का बंद पड़ा हरिजन छात्रावास है। आसेहार में अनुसूचित जाति के लड़कियों को पढ़ने व रहने के लिए लाखों रुपये खर्च कर सरकार ने भवन का निर्माण कराया। कुछ दिनों तक छात्रावास संचालित भी हुआ। इसके बाद अचानक बंद हो गया। यह छात्रावास 22 वर्षों से बंद पड़ा है। सबसे अहम बात यह है कि 22 वर्ष में कई सांसद, विधायक व मुखिया बने लेकिन इसे चालू कराने के लिए पंचायत से लेकर विधान सभा व लोक सभा स्तरीय जनप्रतिनिधियों ने आज तक कोई पहल नहीं की गई। छात्रावास बंद होने के कारण भवन खंडहर होते जा रहा है। भवन में लगे लाखों के उपकरण व दरवाजे गायब हो गए हैं।
आसेहार गांव के युगल किशोर राम, अनिल राम आदि ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 1990-91 में कल्याण विभाग ने आसेहार बाजार के निकट करीब 32 लाख की लागत से अनुसूचित छात्रावास भवन का निर्माण कराया गया था। साथ ही छात्राओं का रहने के लिए बेड आदि की व्यवस्था हुई थी। 1994 में सुमन राम को छात्रावास का इंचार्ज बनाया गया था। बाद में छात्रावास बंद हो गया। ग्रामीण उक्त छात्रावास चालू कराने के लिए विधायक सांसद से कई बार मिले। बावजूद कोई भी पहल नहीं की गई। लोगों का कहना है कि छात्रावास खुल जाए तो प्रखंड के 50 गांव की छात्राओं को इसका लाभ मिलने लगेगा।
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आसेहार का छात्रावास चालू कराने के लिए विधानसभा में मामला उठाए हैं। सरकार इस पर बहुत जल्द निर्णय लेकर छात्रावास शुरू कराने का आश्वासन दिया है। उम्मीद है कि आसेहार में बंद पड़ा छात्रावास शीघ्र खुल जाएगा।
विदेश ¨सह, विधायक, पांकी