बिना इलाज अस्पताल में ही मर गया चंदन
हुसैनाबाद, पलामू : सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की लचर स्थिति कोई नई कहानी नहीं है। बार-बार अधिकारी-प्र
हुसैनाबाद, पलामू : सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की लचर स्थिति कोई नई कहानी नहीं है। बार-बार अधिकारी-प्रभारी आते हैं.. निरीक्षण का नाटक और नई घोषणाओं की रस्म पूरी की जाती है। लेकिन जमीनी हकीकत कभी बदलती नहीं और इस व्यवस्थागत जड़ता का खामियाजा अंतत: स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ता है। ऐसी ही स्थिति में शनिवार को हैदरनगर थाना क्षेत्र के सिंघना गांव निवासी नंदू रजवार के सात वर्षीय पुत्र चंदन कुमार की मौत हो गई। उसे सुबह किसी विषैले जीव ने काट लिया था, इससे उसकी हालत खराब होने लगी। परिजनों उसे सुबह आठ बजे इलाज के लिए हुसैनाबाद पीएचसी ले आए, नर्सो ने उसकी गंभीर होती स्थिति देख भर्ती कर लिया। उस समय अस्पताल में चिकित्सक तो दूर प्रारंभिक जांच के लिए एक आला तक नहीं था। पीएचसी परिसर में ही रहने वाली डा. बिलकिस परवीन को बुलाया गया। वह आई तो सही लेकिन अपने साथ आला तक लाना भूल गई। पीएचसी की नर्स बगल में निजी प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सक मनोरंजन सिंह से आला मांग कर लाई। तब तक बालक के जांच में काफी विलंब होने से अस्पताल में ही बिना इलाज उसकी मौत हो गई। परिजन बच्चे की मौत के बाद पीएससी कर्मी व चिकित्सकों के खिलाफ काफी आक्रोशित दिखे, लेकिन करें तो करें क्या? ऐसी घटनाएं तो उनके जीवन का अंग बन चुकी हैं। कभी चिकित्सक तो कभी दवा की कमी में कभी इसकी-कभी उसकी मौत जो उनके लिए आए दिन की बात है। सो थके-हारे निराश परिजन अपने आक्रोश को दबा घटना को नियति मान लौट गए।
कोट :
बच्चे को किसी विषैले जीव ने काटा था, उसकी मौत अस्पताल लाने के पहले ही हो गई थी।
डा. बिलकिस परवीन