सूखी कोयल, जिले में जलसंकट
मेदिनीनगर : पलामू की लाइफलाइन कोयल नदी पूरी तरह सूख गई है। शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति के लिए पानी न
मेदिनीनगर : पलामू की लाइफलाइन कोयल नदी पूरी तरह सूख गई है। शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति के लिए पानी नहीं निकल रहा है। पूरे नगर पर्षद व इससे लगे क्षेत्रों में पानी के लिए त्राहिमाम मच गया है। हालांकि रविवार को पेयजल व स्वच्छता विभाग जेसीबी मशीन से बालू हटाने का कार्य शुरू किया है। बावजूद इसके पानी निकलने में काफी दिक्कत आ रही है। मालूम हो कि शहरी क्षेत्र के विभिन्न टंकी में पानी पहुंचाने के लिए स्थानीय पंपूकल में तीन कुआं बनाए गए हैं। इसमें से एक कुआं पहले ही जवाब दे चुका है।
दूसरे कुआं में आठ मोटरों के माध्यम से किसी तरह पानी को चढ़ाया जाता है। वहीं तीसरे कुआं से कुछ हद तक शहर की प्यास बुझाने में मदद मिलती है। लेकिन गत कुछेक दिनों से पानी का स्तर नीचे चले जाने के कारण दो कुआं कामयाब नहीं रहे। अब पानी निकालने व चढ़ाने के लिए चुंआड़ी का सहारा लिया जा रहा है।
इधर शहर को पानी दिलाने में सदैव प्रत्यनश्ीाल रहे भाजपा नेता परशुराम ओझा उर्फ पानी बाबा इस गंभीर स्थिति पर जिला प्रशासन की चुप्पी पर आश्चर्य व्यक्त करते हैं। कहा कि शनिवार से कम से कम तीन मर्तबा डीसी के श्रीनिवासन से फोन पर बात हुई। लेकिन डीसी महोदय ने कुछ सक्रियता नहीं दिखाई। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को भी आम आदमी की तरह पानी बिजली आपूर्ति करने की मांग की। कहा कि जनता के दिक्कतों का अहसास होने पर ही अधिकारी जनहित से काम कर सकते हैं। रामनवमी के कारण बिजली आपूर्ति ठप रहने से जलापूर्ति बाधित जरूर हुई। लेकिन अब नदी के सूख जाने के कारण पानी निकालने में काफी दिक्कतें आ रही है।
इधर पंपूकल में मौजूद विभाग के अधिकारियों ने चुंआड़ी खोदने के बाद जलसंकट को काफी हद तक दूर करने का दावा कर रही है।
स्वीमिंग पुल बना जलापूर्ति का कुआं
मेदिनीनगर : स्थानीय पंपूकल स्थित पेयजलापूर्ति के लिए बना कुआं मुहल्लेवासियों के लिए स्वीमिंग पुल बन गया है। यही नहीं लोग इस कुएं पर कपड़ा साफ करने से परहेज नहीं कर रहे हैं। सुबह के दिन व शाम में इस कुआं में डुबकी लगानेवाले लोग सार्वजनिक रूप से दिख जाते हैं। यही पानी ब्लीचिंग पावडर से साफ होते हुए लोगों के घरों तक पहुंचता है। पंपूकल में तैनात एक कर्मी ने बताया कि नहाने का विरोध करने पर उन्हें तरह-तरह की धमकियां दी जाती है। अगर इस पर नियंत्रण नहीं हुआ तो खोदे जा रहे चुंआड़ी का लोग नहाने व कपड़ा साफ करने के प्रयोग में लाएंगे। विभाग के कर्मचारियों ने स्थायी रूप से पांच एक का बल की तैनाती की मांग की है।