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भूमि अधिग्रहण अध्यादेश गरीब विरोधी : भुवनेश्वर

मेदिनीनगर : केंद्र सरकार का भूमि अधिग्रहण अध्यादेश गरीब, किसान व जनविरोधी है। इसमें आम लोगों की अनदे

By Edited By: Published: Sun, 01 Mar 2015 10:38 PM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2015 10:38 PM (IST)
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश गरीब विरोधी : भुवनेश्वर

मेदिनीनगर : केंद्र सरकार का भूमि अधिग्रहण अध्यादेश गरीब, किसान व जनविरोधी है। इसमें आम लोगों की अनदेखी कर कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने का कार्य किया गया है। इससे महंगाई बढ़ेगी व जनता परेशान होगी। उक्त बातें पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता ने कही। वे रविवार को स्थानीय परिसदन में पत्रकारों से बात कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि झारखंड बनने के 15 वर्षो के बाद भी यहां गरीबी, बेरोजगारी व पलायन चरम पर है। सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। आम बजट की चर्चा करते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि झारखंड केंद्र को सबसे ज्यादा राजस्व देता है। बावजूद इसके लिए बजट में विशेष प्रावधान नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। कहा कि सूबे में अब तक स्थानीय नीति नहीं बन पाई है। राज्य की 4.5 लाख युवतियां देश के विभिन्न बड़े शहरों में आर्थिक, मानसिक व शारीरिक शोषण का शिकार हो रही है। ईट भट्ठों व क्रशर पर यहां के मजदूर दयनीय स्थिति में काम कर रहे हैं। बावजूद सरकार इसके निराकरण के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। उन्होंने विपक्ष के साथ मिल बैठकर स्थानीय नीति तय करने की बात कही। कहा कि पार्टी ने पलामू में 10 हजार एकड़ जमीन पर गरीबों को काबिज कराया है। राज्य सरकार साजिश के तहत जमीन कारपोरेट घरानों को देना चाहती है। भाकपा इन मुद्दों पर आंदोलन करेगी। मेहता ने तृतीय व चतुर्थवर्गीय नौकरी में स्थानीय युवकों को प्राथमिकता देने की बात कही। मौके पर पार्टी के जिला सचिव सूर्यपत सिंह मौजूद थे।


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