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पलामू में फ्लोराइड के मापदंड पर दो विभाग आमने-सामने

मेदिनीनगर : पलामू में फ्लोराइड की माप का लेकर दो विभाग में सामंजस्य नहीं होने से भ्रम की स्थिति उत्

By Edited By: Published: Sat, 24 Jan 2015 10:30 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jan 2015 10:30 PM (IST)
पलामू में फ्लोराइड के मापदंड पर दो विभाग आमने-सामने

मेदिनीनगर : पलामू में फ्लोराइड की माप का लेकर दो विभाग में सामंजस्य नहीं होने से भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसका शिकार जिला के कई अधिकारी व आम लोग हो रहे हैं। पलामू जिला के पानी में फ्लोराइसिस की मात्र अधिक पाए जाने से कई प्रकार की बीमारी होती है। हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने फ्लोराइसिस की जांच कई। इसमें उनके घरों के पीने के पानी में फ्लोराइसिस की मात्रा अधिक पाई गई। इसमें डीसी आवास के पानी में 2.30 पीपीएम फ्लोराइड है। इसे लेकर अधिकारियों के घर भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई। जांच के आधार पर पेयजल स्वच्छता विभाग के अधिकारियों को तलब किया गया। जांच के बाद फ्लोराइसिस की मात्रा अधिक होने से उसका निदान करने का निर्देश दिया गया।

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इधर पेयजल स्वच्छता विभाग उक्त जाच रिपोर्ट को गलत मान रही है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कई जांच रिपोर्ट का पैमाना असंतुलित है।

क्या है पूरा मामला

स्वास्थ्य विभाग ने फ्लोराइड की जांच के लिए विंग गठित की है। इसके संचालन के लिए जिला कंसलटेंट फ्लोराइसिस के पद पर डॉ. अवध्ेाश कुमार पदस्थापित हैं। विभाग की इस टीम ने पलामू के उपायुक्त समेत कई न्यायिक पदाधिकारियों व प्रशासनिक पदाधिकारियों के घरों के पानी का नमूना लिया। पानी में फ्लोराइड की मात्रा की जांच की। विभाग के मापदंड के अनुसार पानी में 0.5 पीपीएम में 1.00 पीपीएम फ्लोराइड रहने पर ही सामान्य रूप से पानी पीने लायक होता है। 1.0 पीपीएस से अधिक फ्लोराइड रहने से पानी पीने पर कई बीमारियों का खतरा रहता है। डॉ. अवधेश ने बताया कि जिला के कई अधिकारियों के घर 1.0 पीपीएम से लेकर 2.5 पीपीएम तक फ्लोराइड है।

कहता है पेयजल स्वच्छता विभाग

पेयजल स्वच्छता विभाग ने स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट को खारिज करते हुए मापदंड को गलत बताया है। पेयजल स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता शशिशेखर सिंह ने बताया कि .05 पीपीएम से 1.5 पीपीएम तक फ्लोराइड रहने पर पानी सामान्य माना जाता है। यह पानी पीने लायक होता है। कहा कि स्वास्थ्य विभाग का पैमाना गलत है। इस रिपोर्ट से भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। दोनों विभाग के बीच आंकड़े में अंतर के कारण आमलोग व अधिकारी पेशोपेश में हैं।

इन अधिकारियों के घर के पानी में है अधिक फ्लोराइड

स्वास्थ्य विभाग की फ्लोराइसिस जांच टीम ने जिला के कई अधिकारियों के घर पानी की जांच की। इसमें पलामू के उपायुक्त के आवास में 2.30 पीपीएम, न्यायिक पदाधिकारियों के कालोनी में 1.7 पीपीएम फ्लोराइड की मात्रा पाई गई है।


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