सेंट्रल जेल में बढ़ी पुलिस की निगरानी
मेदिनीनगर : पलामू जिले के तीन खूंखार अपराधियों का पनाहगाह बना पलामू सेंट्रल जेल पर पुलिस की निगरानी
मेदिनीनगर : पलामू जिले के तीन खूंखार अपराधियों का पनाहगाह बना पलामू सेंट्रल जेल पर पुलिस की निगरानी बढ़ा दी गई है। ऊपर से तो देखने में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद लगती है, लेकिन जेल की आंतरिक स्थिति में कुव्यवस्था हावी है। स्थिति यह है कि मोबाइल जैमर को अभी तक चालू नहीं किया जा सका है। वहीं स्कैनर मशीन भी बिजली के भरोसे है। राहत की बात है कि जेल के अंदर व बाहर एक दर्जन से अधिक सीसीटीवी कैमरे हर वक्त चालू रहते हैं। बावजूद इसके जेल के अंदर आपत्तिजनक वस्तुएं पहुंचने की खबर आते रहती है।
पुलिस अधीक्षक मयूर पटेल बताते हैं कि पुलिस जेल का औचक निरीक्षण करती रहती है। इस क्रम में गत दिसंबर माह में तीन मोबाइल फोन बरामद करने का मामला दर्ज किया गया था। जेल से रंगदारी वसूले जाने की खबर पर इसी माह सात जनवरी को प्रेम सिंह, मुकेश सिंह व राजेश वर्मा जैसे कुख्यात अपराधियों को दूसरे जेलों में शिफ्ट किया गया है। जानकारी के अनुसार फिलवक्त सेंट्रल जेल में बी ग्रेड के अपराधी ही बंद हैं। इनकी निगरानी के लिए जेल प्रशासन के साथ संयुक्त अभियान चलाया जाता रहता है। इसे लेकर शुक्रवार को पुलिस उपाधीक्षक अजय कुमार ने सेंट्रल जेल का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया था।
जेल में फिलवक्त तीन दर्जन से अधिक हार्डकोर नक्सली व छह कुख्यात अपराधी बंद हैं। इस जेल में क्षमता से तीन गुना ज्यादा बंदियों के रहने से अफरा-तफरी का माहौल रहता है। जेल अधिकारी बताते हैं कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से हर दो माह पर आन डयूटी पुलिस कर्मियों को बदल दिया जाता है। वहीं मुख्यद्वार पर एक पुलिस अधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है।
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जेल से रंगदारी मांगने की घटनाएं होती रहती है। इसे लेकर पुलिस व जेल प्रशासन लगातार औचक चेकिंग अभियान चलाती है। गत माह मोबाइल फोन के तीन मामले दर्ज किए गए हैं। जेल पर पुलिस लगातार निगरानी कर रही है।
मयूर पटेल, पुलिस अधीक्षक, पलामू।