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अब चार रुपये किराया देंगे दुकानदार

मेदिनीनगर : नगर परिषद क्षेत्र के दुकानदारों को एक रुपये की जगह चार रुपये वर्गफीट किराया भुगतान करन

By Edited By: Published: Wed, 21 Jan 2015 10:43 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jan 2015 10:43 PM (IST)
अब चार रुपये किराया देंगे दुकानदार

मेदिनीनगर : नगर परिषद क्षेत्र के दुकानदारों को एक रुपये की जगह चार रुपये वर्गफीट किराया भुगतान करना पड़ेगा। मार्च 2015 से यह प्रभावी होगा। जुलाई 2013 से अब तक तीन रुपये वर्गफीट की दर से किराया वसूला जाएगा।

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यह निर्णय बुधवार को नगर परिषद सभागार में आयोजित बोर्ड की बैठक में लिया गया। इसकी अध्यक्षता नगर परिषद अध्यक्ष पूनम सिंह ने की। वार्ड नंबर 12 की पार्षद किरण अग्रवाल व 13 के पार्षद राज कुमार गुप्ता ने किराया बढ़ोतरी का विरोध किया। दुकानदारों की वकालत करते हुए कहा कि ढाई रुपये वर्गफीट किराया लिया जाना चाहिए। इसके अलावा छह मुहान स्थित सफाई कार्यालय के रखा-रखाव के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित की गई। इसमें वार्ड पार्षद हेमंत तिवारी, अमित कुमार सिंह उर्फ मिनी, राज कुमार गुप्ता, प्रदीप अकेला व जितेंद्र सिंह को रखा गया है। स्थानीय रेलवे स्टेशन के निकट व बेलवाटीका स्थित गुरूनानक कालोनी में रैनबसेरा व वृद्धाश्रम बनाने की बात कही गई है। बैरिया स्थित अ‌र्द्धनिर्मित बस स्टैंड मामले पर भी चर्चा हुई। यह मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। निर्णय लिया गया कि संबंधित संवेदक के साथ समझौता कर लिया जाएगा।

स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना मामला भी चर्चा का विषय रहा। बताया गया कि वार्ड सदस्यों की उपस्थिति में प्रशिक्षित अभ्यर्थियों के बीच प्रमाण पत्र का वितरण होगा। इसके बाद ही एजेंसी को भुगतान किया जाएगा। अन्य कई मामलों पर भी गहनतापूर्वक चर्चा हुई। मौके पर वार्ड पार्षद कविता देवी, हेमंत तिवारी, हिरामणि राम, कलावती देवी, नईमा बीबी, बेबी खातून, किरण देवी, कामेश्वर प्रसाद, किरण अग्रवाल, राज कुमार गुप्ता, कविता पांडेय, नीतू सिंह, अमित कुमार सिंह, हिरामणि तिर्की, शिरिन पुष्पलता, धीरज राज प्रसाद, नीतू देवी, प्रदीप कुमार अकेला व जितेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे। इधर, हंगामा के साथ शुरू हुई बैठक अंत में हंगामा के साथ ही स्थगित हो गई।

छह माह बाद हुई नप बोर्ड की बैठक

मेदिनीनगर : वर्ष 2014 के अगले छह माह में नगर परिषद विकास से कोसो दूर रहा। कारण कि नौ जून 2014 के बाद एक बार भी नगर परिषद बोर्ड की बैठक नहीं हुई थी। दो कार्यपालक पदाधिकारियों के ट्रांस्फर-पोस्टिंग में पहले का तीन माह बीत गया। जब स्थाई तौर पर कार्यपालक पदाधिकारी ने नगर परिषद की कुर्सी संभाली तो कुछ दिनों के बाद ही आदर्श आचार संहित लागू हो गया। ऐसे में शहर विकास से दूर रहा। अंत में इस नए वर्ष में बुधवार को बैठक आयोजित हुई। बावजूद इस बैठक पर भी हंगामा ही भारी पड़ा।


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