मोदी के फेंके 'केला' पर फिसल गए राहुल
मनिका : शुक्रवार को डाल्टेनगंज व चंदवा की सभा में मोदी द्वारा फेंके गए 'केला' पर शनिवार को कांग्रेस
मनिका : शुक्रवार को डाल्टेनगंज व चंदवा की सभा में मोदी द्वारा फेंके गए 'केला' पर शनिवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष फिसल गए। लिहाजा मनिका की सभा में उनके निशाने पर मोदी ही रहे। स्वच्छता अभियान, कृषि सिंचाई योजना, जमीन अधिग्रहण कानून में बदलाव, आस्ट्रेलिया व जापान की यात्रा पर खूब तंज कसे। कहा कि अच्छे दिन का सपना दिखाकर सभी के हाथ में झाड़ू थमा दिया।
वैसे तो हाईस्कूल का खेल मैदान खचाखच भरा था, एनएच-75 पर भी लोग जमा थे। लेकिन यह भीड़ राहुल को सुनने, हेलीकाप्टर देखने या कांग्रेस को वोट देने वाली थी, इसका अंदाज जानकारों ने लगा ही लिया।
लोगों का हुजूम देखकर राहुल गांधी शुरू में तो काफी गदगद थे, लेकिन भाव देखा तो चेहरे पर गुस्से का भाव आ गया। नमस्कार से शुरू अपने भाषण को जै ¨हद के साथ समाप्त तो कर दिया, लेकिन गुस्से में अपने प्रत्याशी मुनेश्वर उरांव का नाम ही लेना भूल गए। उनके निशाने पर न झामुमो न कोई अन्य पार्टी, मोदी व सिर्फ मोदी थे। जब उन्होंने कहा कि अच्छे दिन का सपना दिखाकर सत्ता हासिल करने के बाद मोदी जी ने सभी के हाथ में झाड़ू थमा दी। इस पर भीड़ की प्रतिक्रिया देखी तो तुरंत पलट गए। कहा कि वह सफाई के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन आपके गांव में कोई मंत्री झाड़ू लगाने नहीं आएगा।
राहुल गांधी ने आदिवासी समुदाय को लुभाने के लिए मोदी सरकार पर भूअधिग्रहण कानून को बदलने का आरोप लगाया। कहा कि उनकी सरकार ने जो कानून बनाया है, उसमें किसान की मर्जी के बिना उसकी जमीन न लेने का प्रावधान है। मोदी जी अमीरों के लिए इसे बदलने की बात कर रहे हैं। इसके बाद मोदी के केला पर ऐसा फिसले कि फिसलते ही चले गए। राहुल ने कहा कि मोदी जी ने केला को गरीबों का फल बताकर अमीर-गरीब को बांटने का काम किया है। उनकी सोच को समझिए। कांग्रेस चाहती है कि फल सभी खाएं, चाहे अमीर हों या गरीब।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डाल्टेनगंज व चंदवा की सभा में ऐसे ही नहीं 'केला' शब्द का प्रयोग किया था। जानते थे कि उनके बाज राहुल व सोनिया की सभा होने वाली है। केला भाजपा की सहयोगी पार्टी आजसू का चुनाव चिन्ह है। हो सकता है कि व्यस्तता के कारण वह उन क्षेत्रों में न जा पाएं, जहां आजसू के उम्मीदवार लड़ रहे हैं, आयरन व विटामिन ए के बहाने केला का नाम ले लिया। वह भी करीब की ही दोनों सभाओं में। जबकि आमतौर पर मोदी पास की ही सभा में अपनी बातों को दोहराते नहीं। अब नमो ने कहा है तो इस पर चर्चा होनी स्वाभाविक है। नमो इसमें सफल हुए। अब केला बहस का मुख्य मुद्दा बन गया है। राहुल ने इसकी शुरुआत कर दी।