सोनिया-राहुल नहीं शिबू-हेमंत रहे निशाने पर
मेदिनीनगर : लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को मैडम एवं उनके पुत्र व उपाध्यक्ष राहुल
मेदिनीनगर : लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को मैडम एवं उनके पुत्र व उपाध्यक्ष राहुल गांधी को शहजादे कह बरसने वाले नरेन्द्र मोदी के निशाने पर झारखंड विधानसभा चुनाव में मां-बेटे सोनिया-राहुल नहीं हैं। निशाने पर बाप-बेटे अर्थात झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन व उनके पुत्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं। पलामू प्रमंडल के डालटनंगज विधानसभा क्षेत्र में शुक्रवार को अपने पहले चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया है। ऐसा नहीं है कि नरेन्द्र मोदी को सोनिया गांधी व राहुल गांधी से कोई हमदर्दी हो गई है बल्कि झारखंड में कांग्रेस की ताकत को काम आंकते हुए मोदी ने अपनी रणनीति बदल ली है। सोनिया-राहुल पर आक्रमण नहीं करने से मोदी का आक्रामक भाषण सुनने आए लोगों को थोड़ी निराशा जरूर हुई। लोगों को उम्मीद थी कि लोस चुनाव की तरह मोदी सोनिया-राहुल पर जमकर बरसेंगे। राहुल गांधी एवं सोनिया गांधी की इसी इलाके में शनिवार व रविवार को सभा है। राहुल पांकी में व सोनिया चियांकी हवाई अड्डे पर ही चुनावी सभा को संबोधित करनेवाली हैं। लोगों को देश के दिग्गज नेताओं के बीच चलने वाले शब्द-बाण का इंतजार था। लोकसभा चुनाव परिणाम को देखते हुए मोदी यह मानकर चल रहे हैं कि झारखंड में भाजपा का मुख्य मुकाबला झामुमो से ही है। कारण, मोदी लहर में भी झामुमो ने झारखंड की दो लोकसभा सीट दुमका एवं राजमहल में भाजपा को पटकनी दी थी। जबकि कांग्रेस समेत किसी भी दूसरी पार्टी का खाता नहीं खुला था। शेष 12 सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाया था। इस कारण मोदी झारखंड में मुख्य मुकाबला झामुमो से ही मानकर चल रहे हैं। यही कारण है कि लोकसभा चुनाव में देश को मां-बेटे से मुक्त करने का आह्वान करने वाले मोदी झारखंड को बाप-बेटे से मुक्त करने का आह़्वान कर रहे हैं।
मोदी ने केंद्र सरकार के मंत्रियों को झारखंड में नहीं घुसने देने की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऐलान को भी मुद्दा बनाया। सवाल किया कि लोकतंत्र में ऐसा होता है। गुजरात में जब वे मुख्यमंत्री थे तो दिल्ली से यूपीए सरकार के मंत्री आते थे। वे मेरा नुकसान करने आते थे, बावजूद मैंने विरोध नहीं किया। विदित हो कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ रांची में मंच साझा करने के दौरान मोदी समर्थकों ने हेमंत की हूटिंग की थी। इससे क्षुब्ध हो हेमंत ने अपने कार्यकर्ताओं को केंद्रीय मंत्रियों का विरोध करने का निर्देश दिया था। मंत्रियों का विरोध हुआ भी था। उस मामले को ताजा करते हुए मोदी ने कहा कि दरअसल सरकार को मालूम था कि मोदी के मंत्री आएंगे तो उनके भ्रष्टाचार की पोल खोल देंगे। इस कारण मंत्रियों पर हमला किया गया। ऐसे लोगों को मालूम होना चाहिए कि लोकतंत्र ताकत से नहीं चलता है। जनता जब देती है तो छप्पर फाड़कर देती है और बाद में लूट भी लेती है। झामुमो के आदिवासी जनाधार में सेंधमारी के लिए आदिवासियों को जमकर लुभाया। संदेश दिया कि आदिवासियों का कल्याण भाजपा की सरकार ही कर सकती है।