पाकुड़ में टूटा सुरक्षा चक्र, पहाड़िया बच्चों को नहीं मिली 'दो बूंद जिंदगी की'
प्रखंड के रघुनाथपुर पहाडिय़ा टोला में आज तक स्वास्थ्य विभाग की टीम के पांव तक नहीं पड़े हैं।
पाकुड़, गणेश पांडेय। देश के दस अति पिछड़े प्रखंडों में शुमार पाकुड़ जिले के लिट्टीपाड़ा प्रखंड के पहाड़ों पर बसे पहाडिय़ा परिवार के बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल रही है। भारत सरकार ने वनबंधु योजना के तहत बेहतर शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से एकमात्र इसी प्रखंड का चयन तो किया गया, लेकिन इसके बाद भी स्थिति में सुधार होता नहीं दिख रहा है। प्रखंड के रघुनाथपुर पहाडिय़ा टोला में आज तक स्वास्थ्य विभाग की टीम के पांव तक नहीं पड़े हैं।
यहां के बच्चों को न कभी 'दो बूंद जिंदगी की' नसीब हुई और न ही अन्य किसी बीमारी से बचाव के लिए टीकाकरण का कवच। यहां के ग्रामीण पल्स पोलियो या अन्य टीकाकरण का नाम तक नहीं जानते हैं। भारत सरकार की मंशा थी कि वनबंधु योजना को लागू कर पहाडिय़ा परिवारों को हर तरह की सुविधा मुहैया करायी जाए। लेकिन, रघुनाथपुर पहाडिय़ा टोला के 28 पहाडिय़ा परिवारों के बच्चों की स्थिति से सरकार की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
गांव के किसी भी बच्चे को आजतक पोलियो या अन्य किसी भी तरह का टीका नहीं लगा। इससे 0-5 वर्ष के बच्चों को पोलियो की बीमारी होने का खतरा बढ़ गया है। इस गांव में बच्चों को पोलियो का टीका नहीं लगने से सुरक्षा चक्र टूटता नजर आ रहा है। स्वास्थ्य विभाग व सरकार की कार्यशैली पर सवाल भी उठने लगे हैं। गांव की राई पहाडिऩ, धर्मी पहाडिऩ, मसी पहाडिऩ, मारता पहाडिऩ ने बताया कि आज तक उनके बच्चों को पोलियो या अन्य टीका नहीं लगा है और न ही टीकाकरण का नाम सुना है। गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम टीकाकरण के लिए नहीं पहुंची है।
कोट-पहाड़ों पर बसे पहाडिय़ा गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं पहुंचती है। यह बात सही है कि रघुनाथपुर पहाडिय़ा टोला के बच्चों को आज तक किसी प्रकार का टीका नहीं लगा है। पल्स पोलियो या अन्य टीकाकरण अभियान के दौरान भी स्वास्थ्य कर्मी गांव नहीं पहुंचते हैं।
बेंजामिन मरांडी, प्रधानरघुनाथपुर पंचायत, पाकुड़
इसकी जानकारी हमें नहीं है। अब यह मामला संज्ञान में आया है। इसकी जांच करा संबंधित चिकित्सक या स्वास्थ्य कर्मी पर कार्रवाई करेंगे। फिलहाल गांव में स्वास्थ्य टीम भेजकर टीकाकरण का कार्य शुरू कराएंगे।
डॉ. आरपी सिंह, सिविल सर्जन, पाकुड़
यदि यह सही है तो यह गंभीर मामला है। इसकी जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
डा. प्रवीण चंद्रा, निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं।
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