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पशु बेचकर कराया इलाज

लोहरदगा : किस्को थानांतर्गत नारी गांव निवासी असीम अंसारी के पुत्र मोबिन अंसारी भुखमरी के कगार पर पहु

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Feb 2017 09:36 PM (IST)Updated: Sat, 25 Feb 2017 09:36 PM (IST)
पशु बेचकर कराया इलाज
पशु बेचकर कराया इलाज

लोहरदगा : किस्को थानांतर्गत नारी गांव निवासी असीम अंसारी के पुत्र मोबिन अंसारी भुखमरी के कगार पर पहुंच चुका है। एक वर्ष पहले ¨हडाल्को द्वारा संचालित पाखर बॉक्साइट मांइस के खंता-ए में ट्रक दुर्घटना में मोबिन बुरी तरह से घायल हो गया था। दुर्घटना में इसकी जान बच गई परंतु इलाज कराने में बीपीएल परिवार को दो पशुओं को बेचना पड़ा।

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दुर्घटना के बाद इलाज में परेशान मोबिन और उसका परिवार पूरी तरह से टूट चुका है। मोबिन की स्थिति अत्यंत खराब हो चुकी है और परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है। नारी गांव के ही इफ्तेखार अंसारी के ट्रक (ओआर 09 ई 4252) ने बाक्साइट लोड करने के क्रम में मोबिन के दाएं पैर को बुरी तरह कुचल दिया था। इस दुर्घटना के बाद ¨हडाल्को कंपनी ने तत्परता दिखाते हुए घायल मोबिन का लोहरदगा में प्राथमिक उपचार कराया और उसके बाद दस हजार रुपये देकर घर भेज दिया। ट्रक मालिक इफ्तेखार अंसारी ने मुआवजे के तौर पर कुछ राशि देने के बाद घायल मोबिन व उसके परिवार से दुबारा मिलना भी जरूरी नहीं समझा। दिन-ब-दिन मोबिन की स्थिति बिगड़ती देख मोबिन की पत्नी हकीमा खातून और पिता असीम अंसारी ने घर के दो बैल बेचकर मोबिन का इलाज रांची के आरकिड अस्पताल में कराया। निजी अस्पताल में इलाज के बाद मोबिन तो स्वस्थ हो गया परंतु परिवार की स्थिति काफी बिगड़ गई। दुर्घटना के बाद पैसे के अभाव में मोबिन के तीनों बच्चे पुत्री मोकिमा परवीन, शाहिद अंसारी व बैतुल्लाह अंसारी की पढ़ाई बीच में ही बंद हो गई। घर में खाने के लिए भी परेशानी होने लगी तो मां ने बच्चों को निजी विद्यालय की जगह मध्याह्न भोजन की आस में सरकारी स्कूल में भेजना शुरू दिया। मोबिन के इलाज में उसकी पत्नी ने पशुओं के साथ गहने भी बेच दिए। मोबिन के हालात खराब देख परिवार वालों ने पूरे मामले से उपायुक्त को अवगत कराते हुए ज्ञापन सौंपकर मदद की गुहार लगाई। इसके बाद उपायुक्त कार्यालय से मोबिन के आवेदन को ट्रक मालिक, चालक-सह चालक कल्याण कोष के सचिव साबिर खान के पास भेज दिया गया है। इसके बाद ट्रक मालिक, चालक-सहचालक कल्याण कोष के सचिव साबिर खान ने पीड़ित को अपने आवासीय परिसर में बुलाकर पूरे मामले की जानकारी ली और उचित सहायता का आश्वासन दिया।


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