तालाबों के प्रति बरती जा रही उदासीनता
लोहरदगा : जिले के तालाबों के प्रति उदासीनता बरती जा रही है। जिला प्रशासन, प्रतिनिधि के साथ-साथ आम ल
लोहरदगा : जिले के तालाबों के प्रति उदासीनता बरती जा रही है। जिला प्रशासन, प्रतिनिधि के साथ-साथ आम लोग भी तालाबों को बचाने के प्रति कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। तालाबों की दुर्दशा के कारण जल संरक्षण की दिशा में बात आगे नहीं बढ़ पा रही है। ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ शहर और उससे सटे इलाकों में भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में कई महत्वपूर्ण तालाब अपना वजूद खोते जा रहे हैं। शहर के नदिया में मत्स्य विभाग के पास स्थित तालाब में कचरा और मिट्टी से तालाब अपनी पहचान खो चुका है। इस तालाब में नाम मात्र का भी पानी नहीं है। स्थानीय लोगों के साथ-साथ मत्स्य विभाग के कार्यालय का सारा कचरा भी यहीं पर फेंका जाता है। तालाब की हालत बता रही है कि यदि इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में यह अपनी पहचान खो कर मैदान न बन जाए। आम लोगों के लिए यह तालाब पानी की बड़ी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है, परंतु इसके प्रति संवेदना का अभाव है। पास ही स्थित जिला प्रशासन का कार्यालय, प्रतिनिधियों के आवास होने के बावजूद इसके प्रति कोई ध्यान नहीं दिया जाना कई सवालों को जन्म देता है। तालाब की मत्स्य विभाग, भूमि संरक्षण विभाग सहित अन्य योजनाओं के माध्यम से बचाया जा सकता है। इसे मॉडल तालाब के रूप में विकसित भी किया जा सकता है। स्थानीय लोगों में इच्छाशक्ति हो तो तालाब के दिन बहुर सकते हैं।