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जतरा से बढ़ता है आपसी भाईचारगी

भंडरा (लोहरदगा) : प्रखंड के पझरी पहाड़ के तलहटी में सोमवार को ऐतिहासिक पझरी माघ जतरा महोत्सव का आयोज

By Edited By: Published: Mon, 16 Jan 2017 08:07 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jan 2017 08:07 PM (IST)
जतरा से बढ़ता है आपसी भाईचारगी
जतरा से बढ़ता है आपसी भाईचारगी

भंडरा (लोहरदगा) : प्रखंड के पझरी पहाड़ के तलहटी में सोमवार को ऐतिहासिक पझरी माघ जतरा महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में जतरा के संयोजक ¨बदेश्वर उरांव, भुवनेश्वर उरांव ने पहान पुजार को पगड़ीपोशी व कलशा नृत्य मंडलियों को स्वागत कर किया गया। मौके पर ¨बदेश्वर उरांव ने कहा कि जतरा से आपसी भाईचारगी बढ़ता है। ऐतिहासिक जतरा महोत्सव झारखंडी संस्कृति की पहचान है। इस संस्कृति को बरकरार रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक धरोहर को बचाएं रखने के लिए युवाओं को आगे आने की जरूरत है। भुनेश्वर उरांव ने कहा कि जतरा में झारखंड की आदिवासी संस्कृति की झलक देखने को मिलता है। जतरा का शुभारंभ स्थानीय पहान-पुजार द्वारा पहाड़ की चोटी पर स्थित पूजा स्थल में पारंपरिक रूप से पूजा-अर्चना कर किया गया। जतरा में पझरी, बिटपी, धोबाली, तेतरपोका, वकील अंबवा, भंडरा, सोरंदा, सेमरा, तिलसिरी, भौरों, उदरंगी सहित कई गांव के हजारों लोग शामिल होकर जतरा का आनंद लिया। जतरा में मुख्य आकर्षण का केंद्र पारंपरिक खोडहा नृत्य रहा। वहीं जतरा में ईख, मिठाई, खिलौना, श्रृंगार दुकानों में लोगों ने जमकर खरीदारी की। जतरा के आयोजन में धनेश्वर उरांव, सुरेंद्र उरांव, बिरेंद्र उरांव, अनिल उरांव, एतवा उरांव, सुनील उरांव, सुशांत उरांव, विनोद उरांव आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।


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