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मलेरिया-डायरिया का कहर, दवा नदारद

लोहरदगा : लोहरदगा सदर अस्पताल में मलेरिया और डायरिया की दवा उपलब्ध नहीं है। मरीजों को आपात स्थिति म

By Edited By: Published: Mon, 25 Jul 2016 10:47 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jul 2016 10:47 PM (IST)
मलेरिया-डायरिया का कहर, दवा नदारद

लोहरदगा : लोहरदगा सदर अस्पताल में मलेरिया और डायरिया की दवा उपलब्ध नहीं है। मरीजों को आपात स्थिति में बाजार से दवा खरीदकर लानी पड़ रही है। लोहरदगा में स्वास्थ्य विभाग की सबसे बड़ी इकाई सदर अस्पताल में जीवन रक्षक दवाओं के नहीं होने से मरीजों की जान पर आफत बन आई है। गरीब मरीजों के लिए तो दोहरी परेशानी उत्पन्न हो गई है। अस्पताल में इमाल, आरएल, मेड्रो जैसी कई आवश्यक दवाएं नदारद है।

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स्लाइड का धो-धोकर हो रहा उपयोग

यही नहीं मलेरिया जांच के लिए जांच विभाग को स्लाइड को भी धो-धोकर उपयोग में लाना पड़ रहा है। ऐसा नहीं है कि स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के मार्च और इस माह में भी पत्राचार कर स्थिति की जानकारी दी गई है। अस्पताल में फिलहाल क्लोरोक्वीन से ही काम चलाया जा रहा है। जबकि मलेरिया का इंजेक्शन इमाल आपात स्थिति में बेहद जरूरी हो जाता है। डायरिया होने की स्थिति में आरएल और मेड्रो आवश्यक दवाओं में से एक है। स्लाइन नहीं होने से मरीज बाजार पर ही निर्भर हैं।

इस माह 248 मलेरिया मरीज चिन्हित

लोहरदगा : अकेले सदर अस्पताल में जुलाई माह में 248 मलेरिया मरीजों को चिन्हित किया गया है। यही नहीं आउटडोर में भी रोजाना पांच-छह सौ लोग अपना इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं। मलेरिया, टाइफाइड और डायरिया ने कहर बरपा रखा है। किस्को, पेशरार, सेन्हा, कुडू, कैरो आदि प्रखंडों में अस्पताल में लोग रोजाना ही सैकड़ों मरीज पहुंच रहे हैं। अस्पताल में दवा नहीं होने से मरीजों को बाजार से दवा खरीदनी पड़ रही है।

दोनों फार्मासिस्ट प्रतिनियुक्ति हुई देवघर में

लोहरदगा : सदर अस्पताल के दोनों फार्मासिस्टों की श्रावणी मेला देवघर में प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। दोनों 29 जुलाई को देवघर में योगदान देंगे। ऐसे में सदर अस्पताल में मरीजों के बीच दवा वितरण के लिए भी बड़ी समस्या उत्पन्न होने वाली है। पहले से ही मरीज बाहर से दवाएं खरीदने को विवश हैं। वहीं फार्मासिस्टों के नहीं रहने से जो एकाध दवा भी मरीजों को मिलती थी, वह भी अब बंद हो जाएगी। सदर अस्पताल प्रबंधन द्वारा समस्या समाधान को लेकर कोई पहल नहीं की जा रही है।

कम पड़ रही व्यवस्था, मरीजों की है भीड़

लोहरदगा : लोहरदगा सदर अस्पताल में आम दिनों में औसतन दो-तीन सौ मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, परंतु अभी मलेरिया, डायरिया और टाइफाइड का कहर ऐसा है कि पांच-छह सौ मरीज रोजाना अस्पताल पहुंच रहे हैं। व्यवस्था मरीजों की संख्या के आगे पंगु नजर आ रही है। मरीजों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। पुरुष, महिला और शिशु रोग विशेषज्ञ के पास लंबी कतार लग रही है। औसतन हर दूसरा मरीज बुखार से पीड़ित नजर आ रहा है

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स्वास्थ्य व्यवस्था में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मामले की जांच करांएगे। साथ ही जो भी जरूरी दवाएं हैं, वे उपलब्ध कराई जाएंगी।

भुवनेश प्रतास ¨सह,डीसी लोहरदगा।


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