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संस्कृति को संरक्षित करने की जरूरत : शशिकांत

लोहरदगा : शीला अग्रवाल सरस्वती विद्या मंदिर में संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय संस्कृति,

By Edited By: Published: Wed, 29 Jun 2016 08:56 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2016 08:56 PM (IST)
संस्कृति को संरक्षित करने की जरूरत : शशिकांत

लोहरदगा : शीला अग्रवाल सरस्वती विद्या मंदिर में संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय संस्कृति, संव‌र्द्धन एवं उत्थान पर आयोजित कार्यशाला का बुधवार को भव्य समापन हुआ। दो दिवसीय कार्यशाला में विद्यालय के 800 भईया- बहनों ने चार समूह में बंटकर संगीत, नृत्य, चित्रकला तथा निबंध लेखन का प्रशिक्षण लिया। समापन सत्र को संबोधित करते हुए विद्या विकास समिति के प्रदेश मंत्री शशिकांत द्विवेदी ने कहा कि आज हम अपनी संस्कृति और कला को भूलते जा रहे हैं। इसे संरक्षित, संवद्धित और विकसित करने की जरूरत है। आज हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है, अगर हम इसे भूल गए तो आने वाले कल के भविष्य को हम क्या सौंपेंगे। आज हमारे देश में विभिन्न संस्कृतियों का संक्रमण होता जा रहा है। इसके बीच हमें हमारी संस्कृति और कला को बचाते हुए एक अलग पहचान दिलाने की जरूरत है। समापन सत्र में प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षकों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। वहीं विद्यार्थियों ने कार्यशाला में सीखी गई विद्याओं का प्रदर्शन किया। मौके पर डा. रमेश मणि पाठक, शशिधर लाल अग्रवाल, कृष्णा प्रसाद, अजय प्रसाद, सच्चिदानंद लाल अग्रवाल, अमरकांत शुक्ला, गो¨वद शरण, गोंदल लोहरा, धनेश कुमार, हरिओम प्रजापति, कुमार विमलेश आदि मौजूद थे।


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