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प्रथम श्रेणी वालों का होगा सीधा नामांकन

लोहरदगा : जिले का एकमात्र डिग्री कालेज या सरकारी कालेज कहें तो बलदेव साहु महाविद्यालय पिछले 53 वर्षा

By Edited By: Published: Tue, 19 May 2015 06:46 PM (IST)Updated: Tue, 19 May 2015 06:46 PM (IST)
प्रथम श्रेणी वालों का होगा सीधा नामांकन

लोहरदगा : जिले का एकमात्र डिग्री कालेज या सरकारी कालेज कहें तो बलदेव साहु महाविद्यालय पिछले 53 वर्षाें से जिले में उच्च शिक्षा की नींव बना हुआ है। वर्ष 1962 में स्थापित बीएस कालेज में इंटरमीडिएट में नामांकन के लिए विद्यार्थियों के पास सबसे बेहतर विकल्प है। यहां इंटर वाणिज्य, विज्ञान एवं कला में कुल 1240 विद्यार्थियों का नामांकन लिया जाएगा। शिक्षा के क्षेत्र में कई जानी-मानी हस्तियों को जन्म देने वाला यह महाविद्यालय आज भी शिक्षा को बुलंदियों पर पहुंचाने की दिशा में समर्पित है। झारखंड के रांची से पुलिस महानिरीक्षक के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने वाले शीतल उरांव व वर्तमान में पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत हरिनारायण राम महली इसी महाविद्यालय के विद्यार्थी रहे हैं। इसके अलावा चिकित्सा, प्रशासनिक, पुलिस, तकनीकी क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुके कई लोग इसी महाविद्यालय के शिष्य रहे हैं। महाविद्यालय में इंटरमीडिएट विज्ञान एवं वाणिज्य में तीन-तीन सौ और कला में 640 विद्यार्थियों का नामांकन लिया जाएगा। इंटर के लिए कालेज में कुल 19 शिक्षक नियुक्त हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इंटरमीडिएट की पढ़ाई के बाद स्कूल या कॉलेज बदलने की स्थिति यहां नहीं है। इस कॉलेज में स्नातक के सभी विषयों की पढ़ाई होती है। कॉलेज में कक्षाओं की कमी व लैब की बदहाल स्थिति एक बड़ी समस्या है। मात्र सात कक्षाओं में ही इंटर और स्नातक की पढ़ाई होती है। वर्ष 1971-72 में कालेज में स्थापित प्रयोगशाला वर्तमान में दुहाई मांग रहा है। यहां 40 से ज्यादा विद्यार्थी प्रायोगिक कक्षाओं में शामिल ही नहीं होते। इससे विज्ञान की पढ़ाई में विद्यार्थियों को परेशानी उत्पन्न होती है।

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शिक्षा व्यवस्था को ऊंचाईयां देने में जुटा है कॉलेज: प्राचार्य

फोटो संख्या-14

लोहरदगा : बलदेव साहु महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डा. लोहरा उरांव का कहना है कि इंटरमीडिएट में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण विद्यार्थियों का कॉलेज में सीधा नामांकन लिया जाएगा। शेष विद्यार्थियों का मेधा सूची और अनुसूचित जाति-जनजाति प्रमाण पत्र के आधार पर नामांकन होगा। प्राचार्य का कहना है कि कालेज संसाधनों की कमी के बावजूद शिक्षा व्यवस्था को ऊंचाईयां देने में जुटा हुआ है।


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