Move to Jagran APP

स्वच्छता अभियान लोहरदगा..अंग्रेजों के जमाने की नगर परिषद सफाई में विफल

लोहरदगा : एक जुलाई 1888 को गठित झारखंड की सबसे पुरानी कहा जाए तो अंग्रेजों के जमाने की नगरपालिका (वर

By Edited By: Published: Fri, 17 Oct 2014 06:35 PM (IST)Updated: Fri, 17 Oct 2014 06:35 PM (IST)
स्वच्छता अभियान लोहरदगा..अंग्रेजों के जमाने की नगर परिषद सफाई में विफल

लोहरदगा : एक जुलाई 1888 को गठित झारखंड की सबसे पुरानी कहा जाए तो अंग्रेजों के जमाने की नगरपालिका (वर्तमान में नगर परिषद) लोहरदगा में सफाई में विफल है। पर्याप्त संसाधनों का अभाव, कर्मचारियों की कमी के कारण शहर से रोजाना निकलने वाले एक सौ टन कचरे में से 50-60 टन कचरा शहर में ही पड़ा रह जाता है। जिसकी वजह से नगर परिषद का सफाई अभियान शुरू होते ही दम तोड़ रहा है। नगर परिषद के पास जो भी साधन हैं उनका भी समुचित उपयोग नहीं हो पाता, ऐसे में लोहरदगा में भारत स्वच्छता अभियान सफलता की बात तो दूर प्रारंभ भी नहीं हो पा रहा। कार्यक्रम तक ही पूरी व्यवस्था सीमित होकर रह गई है।

loksabha election banner

खराब पड़े हैं आधा से ज्यादा सफाई उपकरण, सफाई कर्मियों की है कमी

नगर परिषद के पास उपलब्ध सफाई उपकरण में से आधे से ज्यादा खराब पड़े हुए हैं। नगर परिषद के पास उपलब्ध चार ट्रैक्टर, दो हाईड्रोलिक सहित कई आवश्यक उपकरण खराब हैं। वर्तमान में नगर परिषद के पास पांच ट्रैक्टर, दो हाईड्रोलिक ट्रक, पांच हाथ गाड़ी व 35 डस्टबिन के सहारे 22 वार्ड की सफाई हो रही है। सफाई कर्मियों की बात हो तो 24 नियमित व 16 अस्थायी सफाई कर्मियों के माध्यम से शहर की सफाई की जाती है।

रोजाना उठाव के अभाव में शहर में ही पड़ा रह जाता है कचरा

शहर के 22 वार्ड से प्रति दिन लगभग एक सौ टन कचरा निकलता है। जिसमें से 30-40 टन कचरे का उठाव ही हो पाता है। इस कचरे को भी उपनगरीय क्षेत्रों, पतराटोली, कुटमू रोड, कुरैशी मुहल्ला आदि क्षेत्रों में डंप किया जाता है। जबकि नगर परिषद ने सदर प्रखंड के जुरिया गांव में लगभग चार करोड़ रुपए की लागत से कचरा निष्पादन के लिए जमीन की खरीद की थी। इसमें बाउंड्री का निर्माण नहीं होने से स्थानीय लोग यहां कचरा नहीं फेंकने दे रहे। लोगों का कहना है कि खुले में कचरा फेंकने से मवेशियों को खतरा हो सकता है। शहर के विभिन्न इलाकों में कचरा पड़ा हुआ है, जो सफाई अभियान में रोड़ा बन रही है।

व्यवस्था दुरुस्त करने को ले हो रहे उपाय : सुबोध

नगर परिषद उपाध्यक्ष सुबोध कुमार राय का कहना है कि व्यवस्था दुरुस्त करने को ले उपाय हो रहे हैं। जुरिया में खरीदी गई जमीन में चहारदीवारी का निर्माण आवंटन प्राप्त होने के बाद किया जाएगा। बाजार से सफाई कर्मी बुलाकर सफाई अभियान में तेजी लाई गई है। खराब पड़े उपकरणों की मरम्मती भी कराई जाएगी।

स्वास्थ्य के लिए भी स्वच्छता आवश्यक : डॉ. टी साहु

फोटो संख्या-17

जिले के जाने-माने दंत चिकित्सक डॉ. टी साहु का कहना है कि स्वास्थ्य के लिए भी स्वच्छता बेहद जरूरी है। स्वच्छता से बीमारियां नहीं होती। जिसकी वजह से हम मानसिक, आर्थिक, शारीरिक परेशानी से बचते हैं। राष्ट्रीय अभियान को सफल बनाना सभी भारतीयों का दायित्व है। यह हमें विश्व में अग्रणी पंक्ति में खड़ा करेगा। देश के विकास और अलग पहचान के लिए लोगों को जागरूक होकर अभियान में शामिल होना चाहिए।

विकसित भारत के लिए स्वच्छता जरूरी : आयशा

फोटो संख्या-18

इस्लामियां उर्दू मध्य विद्यालय की शिक्षिका आयशा सुल्ताना का कहना है कि स्वच्छ व विकसित भारत के लिए स्वच्छता जरूरी है। स्वच्छता के बिना विकास की कल्पना नहीं की जा सकती मन की पवित्रता ही अच्छी पवित्रता है और यही पवित्रता सही शब्दों में पूर्ण स्वच्छता है। बच्चे शिक्षकों का अनुकरण करते हैं। ऐसे में शिक्षकों को स्वच्छता पर विशेष बल देने की जरूरत है। स्वच्छता से मजबूत भारत के निर्माण में हमारी सहभागिता होगी। यह तभी सफल होगा जब भारत का प्रत्येक नागरिक स्वच्छ होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.