नहीं बन सका विस्थापितों का आवास
लातेहार: अतिक्रमण के दौरान बेघर हुए जिला मुख्यालय के पहाड़पुरी व चंदनडीह सैकड़ों लोगों का आवास आज तक न
लातेहार: अतिक्रमण के दौरान बेघर हुए जिला मुख्यालय के पहाड़पुरी व चंदनडीह सैकड़ों लोगों का आवास आज तक नहीं बन सका। जिसके कारण पांच वर्ष से विस्थापित बिना ठौर के अपने जीवन को काटने को विवश हो रहे हैं। सबसे अहम बात है कि प्रशासन द्वारा विस्थापितों को बसाने के लिए जो जमीन मुहैया करायी गयी थी। उस जमीन पर आदिवासी समुदाय के द्वारा सरना स्थल घोषित कर अपने कब्जे में कर लिया गया है। जिसके बाद से न तो प्रशासन दूसरी जमीन मुहैया कर सकी और नहीं आदिवासी समाज द्वारा कब्जा किए गए जमीन को विस्थापितों को दिलाने का प्रयास कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार 2011 में न्यायालय के आदेश पर जिला मुख्यालय के चंदनडीह व पहाड़पुरी में अतिक्रमण चला कर सैकड़ों गरीब परिवारों के आशियाने को उजाड़ दिया गया। जिसके बाद से बेघर हुए परिवार दर-दर की ठोकरें खाने को विवश हो गए। बाद में प्रशासन द्वारा भूमिहीन विस्थापितों को चिहिन्त कर नावाडीह में जमीन उपलब्ध कराए गए। लेकिन आज तक विस्थापितों को जमीन उपलब्ध नहीं हो सका। हालांकि इस दौरान विस्थापित कई बार उपायुक्त से जमीन मुहैया कराने की मांग की है। लेकिन जमीन के नाम पर अभी तक आश्वासन के सिवा विस्थापितों को कुछ भी नहीं हासिल हो सका है।
279 लोगों को प्रशासन ने मुहैया कराया था जमीन का पट्टा : अतिक्रमण के दौरान बेघर हुए लोगों को विस्थापित करने के लिए भूमिहीनों को चिहिन्त कर उपायुक्त राहुल कुमार पुरवार के समय 279 लोगों को बसाने के लिए सदर प्रखंड के नावाडीह में भूमि पट्टा उपलब्ध करवाया गया था। लेकिन पट्टा मिलने के बाद आदिवासी समाज के लोगों द्वारा विस्थापितों को मिले जमीन पर सरना स्थल कह कर जमीन पर कब्जा कर लिया गया। जिसके बाद से जमीन आदिवासियों के कब्जे में चला गया। जिससे विस्थापित एक बार फिर भूमिहीन ही रह गए।
उपायुक्त से जमीन व आवास उपलब्ध करवाने की मांग: अतिक्रमण में बेघर हुए भूमिहीनों को अबतक आवास नहीं मिलने से भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। भूमिहिनों ने बताया कि हमलोग किसी प्रकार अपनी ¨जदगी को काट रहे हैं। ग्रामीणों ने उपायुक्त प्रमोद कुमार गुप्ता से मामले पर संज्ञान लेकर भूमि उपलब्ध करवाने की मांग की है।