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सत्संग का फल असीम व अनंत : मंगल देव

By Edited By: Published: Mon, 25 Mar 2013 10:15 PM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2013 10:15 PM (IST)
सत्संग का फल असीम व अनंत : मंगल देव

चंदवा(लातेहार):सत्संग का फल असीम व अनंत है। इससे व्यभिचारी मनुष्य भी सदाचारी,मूर्ख से विद्वान और भोगी से योगी बन जाता है। पारस के स्पर्श से लोहा भी सोना बन जाता है। यह बातें सदगुरु सदाफलदेव विहंगम योग संस्थान लुकुइया में सत्संग करते हुए अंतरराष्ट्रीय योग प्रशिक्षक मंगलदेव उरांव ने कही।

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श्री उरांव ने कहा कि सेवा व सत्संग विहीन जीवन दुख रूप है। इससे संसार में कष्ट ही मिलता है। श्री उरांव ने दीर्घकाल तक नियमित सत्संग करने से अवगुणों का नाश हो जाता है। भक्ति, मुक्ति व परमप्रभु की प्राप्ति होती है। सत्संग में आएं,संतो की बातों का अनुसरण करें तो निश्चिय ही जीवन मरण के चक्कर से मुक्ति मिल जाएगी।

आश्रम प्रतिनिधि बालमुकुंद मिश्र ने कहा कि 84 लाख योनियों का भटकाव सत्संग में आने व उसका आचरण करने से शून्य हो जाता है। इस बहुमूल्य मानव जीवन को सदगुरु के सानिध्य आकर सफल बनाया जा सकता है। दिव्य खुशियां प्राप्त की जा सकती है।

रविन्द्र प्रसाद ने कहा कि विहंगम योग अहंभाव को मिटाकर आत्मस्वरूप का प्रत्यक्ष ज्ञान कराने की कला है। सत्यकाम व सत्य संकल्प राह अपनाने की बात कहीं। प्रचारक शिक्षक गणेश पासवान ने कहा कि अपने में संपूर्ण है। इसके बगैर जीवन का कोई अर्थ नहीं। संपूर्ण ब्रह्मांड इसी में समाहित है। विष्णुदेव प्रसाद,संजय चौधरी,नवाहीर उरांव,आदि ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए सदगुरु के सानिध्य को आत्मा से परमात्मा से मिलन का मार्ग बताया।

इस मौके पर भंडारी भगत,महेन्द्र प्रसाद, नवल सिंह, अधिवक्ता मिथलेश कुमार सिंह, शकुंतला कुंवर,रामरति देवी,सुरेश राम,जगरन्नाथ पासवान, अशोक दुबे,अरविंद भगत,श्याम सुंदर मिश्र,वरिष्ठ पत्रकार राजेश चंद्र पाण्डेय,गीता देवी,सोनमतिया देवी,प्रीतम पाठक,हरिनंदन दुबे, दयानंद पाठक समेत सैकडों की संख्या में गुरू भाई बहनें उपस्थित थी। इससे पूर्व महर्षि सदगुरू सदाफलदेव जी महाराज के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी।

होली मिलन समारोह का आयोजन:सदगुरु सदाफदेव विहंगम योग संस्थान लुकूइया में सत्संग के बाद होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। संस्थान के भजन सम्राट सुभाष कौशिक ने स्वामी सदाफलदेव जी द्वारा रचित अध्यात्मिक भजनों से होली मिलन की महिमा का बखान करते हुए कहा कि होली का प्रचलन आरंभ किया है। सभ्यता व संस्कृति संपन्न मर्यादित होली खेलने की बात उन्होंने भजन के मध्यम से कही।

भंडारा का आयोजन: स्वामी सदाफलदेव जी महाराज शिष्यों ने आश्रम में भंडारा का आयोजन किया । भंडारा में लोगों ने महाप्रसाद ग्रहण किया।

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