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सुदेश महतो से मिले ढिबरा कारोबारी

कोडरमा: आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो से अभ्रक व्यवसायी व जयनगर के करियांवां ग्राम के लोग मिलकर अपनी स

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Feb 2017 06:05 PM (IST)Updated: Sun, 26 Feb 2017 06:05 PM (IST)
सुदेश महतो से मिले ढिबरा कारोबारी
सुदेश महतो से मिले ढिबरा कारोबारी

कोडरमा: आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो से अभ्रक व्यवसायी व जयनगर के करियांवां ग्राम के लोग मिलकर अपनी समस्याओं को रखे। शनिवार की रात कोडरमा प्रवास के दौरान लोग उनसे मिलने आए थे। लोगों की सुनने के बाद ढिबरा पर रोक को जनहित के विरुद्ध बताते हुए उन्होंने कहा कि डेढ़ लाख लोगों के रोजी-रोजगार से जुड़ा यह मामला है। सरकार को संसाधनों का उपयोग कर रोजगार को गति देना चाहिए, ना कि लोगों के इस रोजगार को रोकना। उन्होंने व्यवसायियों को विभागीय सचिव से इस संबंध में बात कर हल निकालने का आश्वासन दिया। करियांवा के ग्रामीण भी जबरन प्रशासन द्वारा निर्माण कार्य कराने की शिकायत की।

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भाजपा विधायकों में भी है टैक्स को लेकर अंतर्विरोध

कोडरमा: आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने शहरी क्षेत्र में अप्रत्याशित रूप से हो¨ल्डग टैक्स बढ़ोतरी को जनता के विरुद्ध बताया है। शनिवार की शाम सुदेश महतो ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सरकार के इस निर्णय से भाजपा विधायकों में भी अंतर्विरोध है। टैक्स बढ़ोतरी को लेकर ना तो मानक तय किए गए और ना ही जनता को विश्वास में लिया गया।

उन्होंने निर्णय को ¨चतनीय बताते हुए कहा कि इससे सरकार के प्रति जनता का विश्वास घटता है। लिहाजा ऐसे निर्णय पर सरकार को पुर्नविचार करने की जरूरत है। समर्थन के संबंध में उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रयास से ही जनता ने संयुक्त रूप से बहुमत दिया है। ऐसे में जनभावनाओं के अनुरूप ही पार्टी कार्य करेगी। मोमेंटम झारखंड के नाम पर 3 लाख करोड़ के औद्योगिक निवेश पर श्री महतो ने कहा कि पूर्व में भी ऐसे प्रयास किए गए थे। उस समय 2.50 लाख करोड़ के निवेश पर एमओयू हुआ था। लेकिन परिणाम सबके सामने है। इस बार भी नाम बदलकर निवेश के प्रयास किए गए। अंतर यही था कि इस बार इस प्रयास में 100 करोड़ रुपये खर्च भी आया है। यदि परिणाम नहीं आया तो खर्च पर सरकार की आलोचना होगी। इस राशि से 10 हजार लोगों को छत व हजारों एकड़ भूमि में ¨सचाई सुविधा पहुंचाई जा सकती थी। भ्रष्ट्राचार पर श्री महतो ने कहा कि सबसे निचले इकाई प्रखंड, अंचल, थाना के नब्ज से सरकार का हाल पता चल जाएगा। ऐसे में इस मानक पर खरा उतारना होगा।


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