शिक्षक रहते गायब, छात्र चलाते हैं स्कूल
कोडरमा : सरकार भले ही विकास के लाख दावे कर ले, लेकिन जंगली व दुर्गम गांवों की स्थिति आज भी पूर्ववत ह
कोडरमा : सरकार भले ही विकास के लाख दावे कर ले, लेकिन जंगली व दुर्गम गांवों की स्थिति आज भी पूर्ववत ही है। इन गांवों में विकास तो दूर मूलभुत सुविधाओं के लिए भी ग्रामीणों को तरसना पड़ रहा है। इन जंगली गांवों में शिक्षण व्यवस्था भी कागजी खानापूर्ति की तरह ही चल रही है। जहां शिक्षक माह में कुछ ही दिन जाते है, शेष दिन छात्र ही स्कूल के तारणहार बनते है। मामला कोडरमा प्रखंड के दुर्गम जंगली गांव झरखी उत्क्रमित मध्य विद्यालय का है। जहां शिक्षकों के गायब रहने पर वर्ग 4 के छात्र छबेला के भरोसे ही स्कूल चलता है। महीने में कई दिन तक इसी तरह स्कूल का संचालन हो रहा है। ऐसे में बच्चों के भविष्य व शिक्षा की गुणवत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
कोडरमा सीओ अनुज बांडो व बाजार समिति के सचिव सह कोडरमा एमओ अभिषेक आनंद के द्वारा उक्त स्कूल के निरीक्षण में इस मामले का खुलासा हुआ है। लिहाजा जांच रिपोर्ट डीसी को सौंपा जा रहा है। जरगा पंचायत से करीब 5 किलोमीटर दुर्गम पहाड़ों व जंगलों के बीच स्थित इस गांव तक कठिन राह तय कर पहुंचा जाता है। लिहाजा शिक्षकों का आना-जाना नियमित नही होता है। जांच के दौरान भी प्रतिनियुक्त दोनों शिक्षक विद्यालय से गायब थे। लेकिन विद्यालय पूरी व्यवस्था के साथ संचालित हो रही थी। उपस्थिति अधिकतर बच्चे भी पोशाक में थे। पूरी अनुशासन के साथ वर्ग 4 के छात्र छबेला विद्यालय का संचालन कर रहे थे। जबकि विद्यालय में वर्ग 6 तक के बच्चे एक ही क्लास में बैठे थे। यहां तक की छबेला द्वारा ही बच्चों का क्लास भी लिया जा रहा था। विद्यालय में मध्याह्न भोजन भी बंद पाया गया। जबकि बच्चे घर से ही भोजन लेकर स्कूल पहुंचे थे। बच्चों ने अधिकारियों को बताया कि शिक्षक के आने पर ही मध्याह्न भोजन बनता है। जबकि स्कूल में थोड़ा चावल पाया गया। यहां तक कि विद्यालय के शौचालय में भी ताला लटका पाया गया। बहरहाल, जंगली गांवों में शिक्षा की इस तरह की स्थिति से समाज में बदलाव का सपना शायद ही पूरा हो सकेगा। इन स्कूलों में विभाग के अधिकारी भी कभी सुधि लेने तक नही पहुंचते है।
व्यवस्था बेहद खराब
स्कूल के निरीक्षण में गए अधिकारियों ने बताया कि इस जंगली गांव में स्कूल की व्यवस्था बेहद खराब है। मध्याह्न भोजन कभी-कभी ही बनता है। शिक्षक प्राय: गायब रहते है। ऐसे में वर्ग 4 के छात्र छबेला द्वारा ही स्कूल का संचालन किया जाता है। जबकि बच्चे नियमित रूप से स्कूल आते है। जांच रिपोर्ट वरीय पदाधिकारियों को दी जाएगी।