जानमाल की सुरक्षा को ले ग्रामीण पहुंचे समाहरणालय
कोडरमा: धार्मिक स्थल निर्माण विवाद को लेकर मारपीट एवं दो समुदाय के बीच उभरे विवाद को लेकर गोलबाढाब क
कोडरमा: धार्मिक स्थल निर्माण विवाद को लेकर मारपीट एवं दो समुदाय के बीच उभरे विवाद को लेकर गोलबाढाब के एक समुदाय के लोगों ने अपनी जानमाल की सुरक्षा की मांग को लेकर सोमवार को महिलाओं, बच्चों एवं मवेशियों के संग कोडरमा समाहरणालय पहुंच गए।
समाहरणालय पहुंचकर लोगों ने समाहरणालय परिसर में ही गाय, बैल, बकरी आदि को बाध दिए और यहां टेंट लगाकर धरना पर बैठ गए। इससे पूर्व जिले के डीसी-एसपी समेत पुलिस एवं प्रशासन के वरीय अधिकारियों ने ग्रामीणों को रास्ते में ही रोककर वहां से गांव भेजने का भरसक प्रयास किया, लेकिन लोग नहीं माने। लोगों का कहना था कि गांव में उनकी जानमाल को खतरा है। लोगों को लगातार धमकी मिल रही है। पुलिस- प्रशासन के लोग उनकी सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं है।
लोग अपने जानमाल के हिफाजत की गारंटी की माग कर रहे थे। समाहरणालय परिसर में भी डीसी के रवि कुमार, एसपी संगीता कुमारी, एएसनी नौशाद आलम, एसडीओ लियाकत अली से लोगों की कई दौरा की वार्ता हुई। बाद में लोगों ने विभिन्न मांगों से संबंधित एक ज्ञापन डीसी को सौंपा जिसपर आश्वयक कार्रवाई का आश्वासन के बाद लोग शांत हुए।
क्या है ग्रामीणों की मांगे:
1. दोषियों को अविलंब गिरफ्तार किया जाए।
2. 33 निर्दोष लोगों के विरुद्ध दर्ज किया गया झूठा मुकदमा को अविलंब निरस्त किया जाए।
3.धार्मिक स्थल का निर्माण प्रशासनिक देखरेख में पुन: शुरू किया जाए।
4. डोमचांच के एएसआई महेंद्र प्रसाद यादव को अविलंब सस्पेंड किया जाए।
5. गोलवाढाब के ग्रामीणों के जानमाल, इज्जत आबरू की सुरक्षा की गारंटी ली जाए।
6. बगरीडीह के मुखिया के विरुद्ध दर्ज मुकदमा को अविलंब निरस्त किया जाए।
दिनभर रहा गहमागहमी का महौल
कोडरमा: गोलबाढाब के एक समुदाय के लोगों द्वारा सोमवार को अपने जानमाल की सुरक्षा की गुहार को लेकर समाहरणालय पहुंचने से दिनभर गमागहमी का महौल रहा। दिन भर एसपी नौशाद आलम, एसडीओ लेयाकत अली, कोडरमा थाना प्रभारी शिवनाथ प्रसाद, तिलैया थाना प्रभारी केपी यादव, कोडरमा बीडीओ प्रभाष कुमार दत्ता दलबल के साथ दिनभर मुस्तैद रहे और लोगों को समझाने के लिए मशक्कत करते रहे। वहीं समाजसेवी साजिद हुसैन लल्लू, नगर पंचायत के अध्यक्ष मो. सब्बन, भाजपा नेता रमेश सिंह, जिलाध्यक्ष प्रकाश राम, विजय साव समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता भी लोगों को शांत करने में लगे थे।