एसडीओ ने की अवैध उत्खनन की जांच
डोमचांच बाजार : वनक्षेत्र से सफेद पत्थरों के संभावित अवैध उत्खनन के संबंध में डीएफओ कोडरमा के पत्र के आलोक में उपायुक्त के रविकुमार के निर्देश पर एसडीओ के नेतृत्व गठित जांच दल ने शनिवार को डोमचांच क्षेत्र में सफेद पत्थरों के अवैध उत्खनन के मामले की जांच की।
एसडीओ लियाकत अली के नेतृत्व में गठित जांचदल ने डोमचांच क्षेत्र के शिवसागर स्थित भेलाटांड़ में सफेद पत्थर के माइंस व उत्खनन क्षेत्र का का निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों ने यह पता लगाने की कोशिश कि लीजधारक अपने लीज क्षेत्र में खनन का कार्य करते हैं या जंगली क्षेत्र से अवैध उत्खनन कर पत्थर का भंडारण कर रहे हैं। जांच में पाया गया कि लीड स्थल पर खनन का कार्य बंद है। सहायक खनन पदाधिकारी योगेंद्र बड़ाईक ने बताया कि लीजधारी सरयू मेहता का लीज रद है। अधिकारियों ने बताया कि जांच में ही पता चलेगा कि उत्खनन का कार्य किस क्षेत्र से किया जा रहा है। जांच रिपोर्ट डीसी को सौंपी जाएगी। मौके पर सहायक वन संरक्षक वृज बिहारी सिन्हा, सीओ संदीप कुमार मधेशिया, रेंजर दिलीप के अलावा अंचलकर्मी भी मौजूद थे। उल्लेखनीय होगा खनन एवं वन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मियों की मिलीभगत से जंगली क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन का खेल चल रहा है। वन, खनन और पुलिस विभाग तालमेल का घोर अभाव खनन माफियाओं के लिए काफी मददगार सिद्ध हो रहा है। सभी अपनी जवाबदेही को दूसरे विभाग पर फेंकना चाहते हैं। पिछले दिनों डीएफओ कोडरमा ने वन क्षेत्र के आसपास संचालित कुछ स्टोन क्रशरों का बिजली काटने के लिए विद्युत बोर्ड के अधीक्षण अभियंता को पत्र लिखा था, लेकिन अधीक्षण अभियंता ने बिजली का लाइन काटने से साफ मना कर दिया है। अधीक्षण अभियंता सुनील कुमार ने बताया कि वन विभाग क्रशर इकाईयों अपने स्तर से कार्रवाई करें। यदि किसी के जमीन का पेपर सही है और बिल का भुगतान नियमित है तो उसका बिजली कनेक्शन नहीं काटा जा सकता।
कोडरमा वन्यप्राणी आश्रयणी क्षेत्र के सिरसिरवा में भी प्रतिदिन सौ से ज्यादा ट्रक पत्थरों का अवैध उत्खनन हो रहा है, लेकिन वन, खनन और जिला प्रशासन इसे आजतक रोक पाने में पूरी तरह नाकामयाब रही है।