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न आला न जांच की मशीन, फिर भी सरकारी अस्पाताल

By Edited By: Published: Thu, 17 Apr 2014 05:41 PM (IST)Updated: Thu, 17 Apr 2014 05:41 PM (IST)
न आला न जांच की मशीन,  फिर भी सरकारी अस्पाताल

सिविल सर्जन के निरीक्षण में खुलासा

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फोटो :::1. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मरकच्चो में उपस्थिति पंजी व कागजातों की जांच करते सीएस डॉ. एसएन तिवारी।

अनुपस्थित रहने के बावजूद बन जाती है डॉक्टरों की हाजिरी, केंद्र में न आला है न ब्लडप्रेशर जांचने की मशीन, सिविल सर्जन के निरीक्षण में कई अनियमिताएं उजागर

संवाद सूत्र, मरकच्चो (कोडरमा): मरकच्चों में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से राम भरोसे है। सरकार से मोटी तनख्वाह प्राप्त करनेवाले चिकित्सक प्रतिदिन एक-दो घंटा भी मरीजों के इलाज के लिए समय देना मुनासिब नहीं समझते हैं। हालत यह है कि मरीजों के इलाज के लिए आला और ब्लडप्रेशर मापने की मशीन तक उपलब्ध नहीं है। गुरुवार को कोडरमा के सिविल सर्जन एसएन तिवारी के औचक निरीक्षण में इस तरह की अनियमितताएं सामने आई।

ग्रामीणों से बार-बार शिकायत मिलने पर कोडरमा के सिविल सर्जन डॉक्टर एसएन तिवारी औचक निरीक्षण के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मरकच्चो पहुंचे थे।

निरीक्षण मे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर अजय कुमार व डॉक्टर परिमल तारा के अलावा स्वास्थ्यकर्मी श्यामाकांत प्रसाद, अकाउंटेंट सतीश कुमार वर्णवाल, एमपीडब्ल्यू मनींद्र कुमार गायब पाये गए। सीएस ने अनुपस्थित चिकित्सकों व कर्मियों की हाजिरी काटी तथा स्पष्टीकरण पूछे जाने की बात कही।

निरीक्षण में यह बात भी सामने आयी की बुधवार को भी प्रभारी पदाधिकारी डॉक्टर अजय कुमार मरकच्चो के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं आए थे। बावजूद उपस्थिति पंजी उनकी हाजिरी बनी हुई थी। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इस तरह की फेक हाजिरी बनाने वाले कर्मी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि अनुपस्थित पाए गए चिकित्सकों व कर्मियों से स्पष्टीकरण पूछा जाएगा। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उनलोगों के विरुद्ध सरकार को लिखा जाएगा। गुरुवार को ओपीडी में मरीजों की भीड़ व चिकित्सकों की अनुपस्थिति पर सीएस डॉक्टर तिवारी ने कई मरीजों का इलाज खुद किया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ब्लडप्रेशर मापने की मशीन व आला भी नहीं मिलने पर भी उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। सनद हो कि छह माह पूर्व भी स्वास्थ्य निदेशक झारखंड के औचक निरीक्षण में जिले के चिकित्सक ड्यूटी से गायब मिले थे। उनके द्वारा यहां की स्थिति के बारे में सरकार को प्रतिवेदित किए जाने के बाद भी आजतक कोई कार्रवाई नहीं हुई।


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